पटना: कांट्रैक्टवाले पारा मेडिकल कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बुधवार को पीएमसीएच सहित राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में बुधवार को ऑपरेशन बंद रहा. इसके कारण कुल 120 मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो सका. पैसेवाले मरीज तो अस्पताल से तुरंत पलायन कर गये, लेकिन गरीब व लाचार मरीज ऑपरेशन के इंतजार में टकटकी लगाये बैठे हैं. समय से ऑपरेशन नहीं होने के कारण इन मरीजों की पीड़ा बढ़ती जा रही है.
लेकिन, अस्पताल प्रशासन के पास इसके समाधान का कोई उपाय नहीं नजर आ रहा है. इधर नये मरीजों को जिन्हें ऑपरेशन की जरूरत है, उन्हें डॉक्टर निजी अस्पताल भेज रहे हैं. बिहार राज्य अनुबंधित पारा मेडिकल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने दावा किया कि स्थायीकरण की मांग को लेकर बुधवार से राज्य के सभी 80 हजार कांट्रैक्टवाले पारा मेडिकल कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं.
ओटी में लटके ताले मरीज भगवान भरोसे
पीएमसीएच, एनएमसीएच, राजवंशी नगर के सरकारी अस्पताल के मरीज भगवान भरोसे हैं. हाल यह है कि पीएमसीएच के सभी 11 ओटी और सजर्री व आर्थो विभाग के ऑपरेशन थियेटर में ताले लटक रहे हैं. स्थिति यह है कि हड़ताल के पहले दिन ही पीएमसीएच में 78 ऑपरेशन नहीं हो पाये. राजधानी के अन्य अस्पतालों में भी 42 ऑपरेशन नहीं हो सके. इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है. लेकिन, मरीजों के इलाज नहीं होने की बात पर न तो सामाजिक संगठन और न ही कोई राजनीतिक पार्टी सवाल उठाने की जहमत उठायी है.
दलाल हुए सक्रिय
सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन ठप होने के चलते निजी नर्सिग होम की चांदी हो गयी है. पीएमसीएच में दिन भर नर्सिग होम के दलालों का मजमा लगा रहा. वे मरीजों को प्राइवेट नर्सिग होम में ऑपरेशन कराने के लिए तरह-तरह का प्रलोभन देते नजर आये.
आज रेडियो डायग्नोस्टिक व क्लिनिकल पैथोलॉजी में इसका खास असर नहीं पड़ा है. वहीं, ओटी में आठ सजर्री भी की गयी. समस्या का कोई समाधान निकलता है, तो ठीक है, नहीं तो बहुत जल्द कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच