पटना: नगर निगम के आयुक्त जय सिंह ने प्रशिक्षण पर जाने के पहले सभी विभागों को लगभग दो महीने का टास्क सौंप दिया है. बुधवार को नगर निगम में सुबह 11 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मैराथन बैठक चली. इस दौरान एक-एक कर सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ नगर आयुक्त ने योजनाओं […]
पटना: नगर निगम के आयुक्त जय सिंह ने प्रशिक्षण पर जाने के पहले सभी विभागों को लगभग दो महीने का टास्क सौंप दिया है. बुधवार को नगर निगम में सुबह 11 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मैराथन बैठक चली. इस दौरान एक-एक कर सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ नगर आयुक्त ने योजनाओं का लेखा-जोखा लिया तथा उनसे छुट्टी के दौरान योजनाबद्ध तरीके से काम निबटाने के लिए अपने अपने विभागों की कार्ययोजना मांगी.
इसके साथ ही अपने सुझाव भी दिये और कई आदेश भी जारी किया. स्थापना शाखा की योजनाओं का लेखा जोखा लेने के बाद अनुकंपा पर नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया. निगम के कर्मचारियों की सूची जून के पहले हफ्ते में वेबसाइट पर दी जायेगी. 31 मार्च 2013 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को सभी बेनिफिट दिया जायेगा. सफाई शाखा की समीक्षा करते हुए यह बात सामने आयी कि चार वार्डो को मिला कर होने वाली वार्ड अनुश्रवण समिति की बैठक में पार्षद आते ही नहीं है. एनसीसी अंचल में इसकी खासी शिकायत है. आयुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि वार्ड सदस्य यदि नहीं आएं तो भी बैठक की कार्यवाही पूरी कर लें.
दस जून तक हर हाल में बैठक खत्म कर लिया जाये. इसके लिए हरेक अंचल पर एक विशेष पदाधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं. एनसीसी में हरिशंकर कुशवाहा, कंकड़बाग में चंद्रशेखर आजाद, बांकीपुर में आरती और पटना सिटी में सीता चौधरी की नियुक्ति हुई है. शहरी शाखा में निदेशक के पद पर खगेंद्र विश्वास की नियुक्ति कर दी गयी है. उनकी अपील खारिज कर दी गयी हालांकि उन्हें दूसरे कार्यभार से मुक्त कर दिया जायेगा.
वालिया बिल्डर्स मामले में रिपोर्ट देने के लिए गठित हुई कमेटी : वालिया बिल्डर्स मामले में नगर निगम को 26 जून को हाइकोर्ट में रिपोर्ट सौंप देनी है. इसके लिए अपर नगर आयुक्त सफाई शीर्षत कपिल अशोक के नेतृत्व में पांच सदस्यी कमेटी बना दी गयी है. यह कमेटी हर हाल में यह सुनिश्चित करेगी कि रिपोर्ट पहले तैयार हो जाए. कमेटी में चार अन्य सदस्य भी होंगे जिसमें फाइनेंस कंट्रोलर, पटना सिटी अंचल के कार्यपालक अभियंता, एनसीसी के कार्यपालक अभियंता और पटना सिटी के सहायक अभियंता के नाम शामिल हैं. इधर पीआरडीए की प्रोपर्टी की सूची भी जून के पहले सप्ताह तक वेब पर डालना तय किया गया है. म्यूटेशन और लीज डीड से संबंधित सभी लंबित मामलों को जुलाई से पहले तक खत्म कर देना है. या तो एक्सेप्ट या रिजेक्ट, पेंडिंग नहीं रखना है.