चुनावी खर्च नहीं देनेवाले जीतने या हारनेवाले प्रत्याशी भी हो सकते है. अभी तक ऐसे लोगों की सूची आयोग को अप्राप्त है. चुनावी खर्च नहीं देनेवाले ऐसे उम्मीदवारों के उम्मीदवारी पर तीन साल के लिए रोक लगा दी जायेगी. ऐसे सभी उम्मीदवारों की सूची राज्य निर्वाचन आयोग ने मांगी है, जिन्होंने अपना चुनावी खर्च का हिसाब नहीं दिया है. यह आयोग पर निर्भर है कि चुनावी खर्च नहीं देनेवाले उम्मीदवारों की आयोग के कोर्ट में की जाये.
पंचायत आम चुनाव में करीब सात लाख प्रत्याशियों ने भाग लिया था, जिसमें एक लाख से अधिक के चुनावी खर्च न जमा करने का अनुमान लगाया जा रहा है. खर्च का ब्योरा जमा नहीं कराने वालों में चुनाव जीतने वाले कई मुखिया और सरपंच के भी नाम हैं. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दो लाख 59 हजार 254 पदों के लिए चुनाव कराया जाना है. यह माना जा रहा है कि वर्ष 2011 के पंचायत आम निर्वाचन में गांव-गांव से करीब सात लाख प्रत्याशियों ने मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनावी समर में भाग लिया था. अब इन सात लाख प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की तलाशी जिलों में जिलाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों के द्वारा सोमवार से आरंभ किया जायेगा. निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवारों के खर्च की सीमा भी निर्धारित कर दी थी.
इसमें जिला परिषद सदस्यों को 50 हजार तक खर्च करने का अधिकार दिया गया था. इसी तरह से मुखिया और सरपंच को 25-15 हजार, पंचायत समिति के सदस्यों को 20 हजार रुपये और पंच व वार्ड सदस्यों को 10-10 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार दिया गया था. आयोग ने जिलाधिकारियों से एक निर्धारित परफॉर्मा में ऐसे प्रत्याशियों के नाम भेजने का निर्देश दिया है. इस परफॉर्मा में जिला का नाम, प्रखंड का नाम, चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवार का नाम जिन्होंने समय पर चुनावी खर्च का ब्योरा पेश नहीं किया है, उनका पत्रचार का पता और अंत में वह पद जिसके लिए उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. आयोग ने जिलों को स्मार कराय है कि पंचायत आम चुनाव 2011 में चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों को 15 जुलाई 2011 तक चुनावी खर्च से संबंधित विवरण व शपथ पत्र (प्रपत्र 29 व प्रपत्र 30) में अनिवार्य रूप से जमा कराने का निर्देश दिया गया था. आयोग ने ऐसी उम्मीदवारों की सूची 31 अगस्त 2011 तक आयोग को भेजने का आदेश दिया गया था. यह अभी तक आयोग को प्राप्त नहीं हुआ है. अब ऐसे सभी उम्मीदवारों की सूची 10 दिनों के अंदर आयोग ने भेजने का निर्देश दिया है.