पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि गांधी सेतु पर जाम के कारण महिला मरीज की मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि कहा है कि पिछले दो साल से गांधी सेतु पर जाम से मुक्ति दिलाने के लिए घोषणाएं की है. इन घोषणाओं पर सरकार ने कोई अमल नहीं की. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद डेढ़ वर्षों तक पथ निर्माण विभाग के भी मंत्री भी रहे.
गांधी सेतु पर एंबुलेंस के फंसने से मरीजों की मौत रोजर्मे की बात बन गयी है. जाम से मुक्ति दिलाने के लिए आइजी रैंक के पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में प्राधिकार के गठन की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसके लिए कोई अधिसूचना तक जारी नहीं किया गया है. सरकार को मालूम था कि होमगार्ड हड़ताल पर जाने वाले हैं. सरकार को गांधी सेतु पर यातायात सुचारू रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि होमगार्ड के जवान पांच सूत्री मांगों के लिए पिछले एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं. जीतन राम मांझी की सरकार ने उनकी मांगों के साथ ही इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक को साल में 13 महीने का वेतन देने का कैबिनेट से निर्णय पारित किया था.
उसे नीतीश कुमार ने निरस्त कर दिया था. उन्होंने सरकार से होमगार्ड के मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि चार हजार से ज्यादा पंचायत रोजगार सेवक महीनों से पंचायत सचिव के पद पर समायोजन के लिए आंदोलनरत हैं. राज्य में चार हजार से ज्यादा पंचायतों में पंचायत सचिव के पद रिक्त है. एक-एक पंचायत सचिव को दो-दो पंचायतों का दायित्व सौंपा गया है. सरकार पंचायत रोजगार सेवकों का समायोजन पंचायत सचिव के पद पर करे.