इस दरम्यान पुलिस की ओर से लाठी भी चटकायी गयी, जबकि रोड़ेबाजी की घटना में दो आरक्षी समेत आधा दर्जन लोग चोटिल हुए. वहीं, फायर यूनिट के गाड़ी का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया. प्रशासनिक टीम के पहुंचने से अफरा-तफरी की स्थिति मची थी. जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासनिक अधिकारियों का दल दो जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर श्रमिक व पुलिस बल के साथ कब्जा हटाने के लिए लगभग 11 बजे टीम पहुंचा. हालांकि , इससे पहले सुबह से ही लोगों में आशियाना उजड़ने का गम, गुस्सा व तनाव चेहरे दिख रहा था.
लोग घरों के बाहर जमा थे कि क्या होगा. प्रशासनिक अधिकारियों ने आते ही अपना रुख कड़ा कर दिया था. करीब चार सौ पुलिसकर्मियों की टोली, राज्य रैपिड एक्शन फोर्स, ब्रज वाहन व फायर यूनिट के साथ अधिकारियों ने चारों ओर से नाकेबंदी शुरू की. अभियान चलाने के पहले ही कड़ा रुख अपना रखा था. टीम को देखते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. इसी बीच रोड़बाजी की घटना हुई, जिसमें सिटी फायर स्टेशन की गाड़ी का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं रजनीश कुमार सिंह व महिला आरक्षी जख्मी हो गये. अधिकारियों की टीम अभियान चलाया. एसडीओ अनिल राय ने बताया कि बुधवार के अभियान में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल कीअधीगृहित जमीन में 71 डिसिमिल जमीन खाली करायी गयी.
इसमें बने 27 कच्चे-पक्के मकानों को ढाया गया . लगभग दो बजे तक चले अभियान के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की टीम वापस लौटी. एसडीओ ने बताया कि अभियान गुरुवार को भी चलाया जायेगा. इधर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अधिगृहीत भूमि के नाम पर गैर अधीगृहित भूमि में रहनेवाले शहरी गरीब को प्रशासन उजाड़ने की चेष्टा कर रहा है. इसके खिलाफ भाकपा माले आंदोलन करेगी.