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पानी की योजना फिर डूबी!
पटना : राजधानीवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए अभी और इंतजार करना होगा. पटना के 72 वार्डो में 72 जलमीनारों से की जानीवाली जलापूर्ति योजना को नगर विकास एवं आवास विभाग ने रद्द कर दिया है. अप्रैल 2014 तक राजधानी के सभी वार्डो में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर देनी थी. नगर विकास एवं […]
पटना : राजधानीवासियों को शुद्ध पेयजल के लिए अभी और इंतजार करना होगा. पटना के 72 वार्डो में 72 जलमीनारों से की जानीवाली जलापूर्ति योजना को नगर विकास एवं आवास विभाग ने रद्द कर दिया है. अप्रैल 2014 तक राजधानी के सभी वार्डो में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर देनी थी.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि योजना रद्द कर दी गयी है. अब नये सिरे से इसका टेंडर किया जा रहा है. टेंडर गैमन इंडिया को दिया गया था, जिसे रद्द कर दिया गया है. अब राजधानी को पांच भागों में बांट कर नये सिरे से योजना का टेंडर जारी किया जा रहा है.
2012 से अब तक नगर विकास एवं आवास विभाग में बदलाव होता रहा पर नहीं बदली,तो जनता के लिए पेयजल की सुविधा. 2015 में निर्णय लिया गया है कि गैमन इंडिया का कार्य संतोषप्रद नहीं है. गैमन इंडिया की 65 करोड़ की सिक्युरिटी राशि जब्त भी कर ली गयी है.
2012 में जब योजना शुरू की गयी थी, तो निर्णय लिया गया था कि राजधानी के 72 वार्डो में 72 टैंक लगाये जायेंगे. राजधानी को दो भागों में बांट कर जलापूर्ति की जायेगी. इसमें हावड़ा-दिल्ली रेल लाइन के उत्तरवाले 47 वार्डो में पानी की आपूर्ति गंगा के पानी को शुद्ध कर घरों तक पहुंचाना था. इसके लिए दीघा में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना था.
दूसरी ओर रेल लाइन के दक्षिणी मुहल्ले में बोरिंग के माध्यम से जलापूर्ति की जानी थी. योजना को दो वर्षो में पूरी करनी थी. 2014 तक राजधानी के 17 लाख घरों में मीटर आधारित शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराना था. हर घर को प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था. पूरी योजना पर 548 करोड़ रुपये खर्च होना था.
योजना के निर्माण पर 476 करोड़ और 10 वर्षो तक रखरखाव पर 72 करोड़ रुपये खर्च होने थे. योजना को अमली जामा पहनाने में कभी जमीन बाधा रही, तो कभी निर्माण कंपनी का काम सुस्त रहा. कुछ मुहल्लों में तो वाटर टैंक का काम आधा-अधूरा बन कर तैयार भी हो गया है. अचानक बीच में सब कुछ ठप पड़ गया है.
गंगा से जलापूर्ति वाले मुहल्ले
दीघा, पाटलिपुत्र कॉलोनी, मैनपुरा, मुरादपुर, बांकीपुर, सुलतानगंज, महेंद्रू, आलमगंज, गुलजारबाग, गुरहट्टा, मारूफगंज,पश्चिमी दरवाजा, बहादुरपुर, राजेंद्रनगर, सैदपुर, मुसल्लहपुर, शाहगंज, सब्जीबाग, गोविंदमित्र रोड, लंगरटोली, मछुआटोली, गोलकपुर, बुद्धा कॉलोनी, लोहानीपुर, कदमकुआं, किदवईपुरी, मंदिरी, दुजरा, पुनाइचक, आनंदपुर, अदालतगंज, शास्त्रीनगर, एजीकॉलोनी, राजाबाजार, आशियाना
नगर, श्रीकृष्णानगर, शेखपुरा, बोरिंगरोड़, बोरिंग कैनाल रोड और नागेश्वर कॉलोनी शामिल हैं.
बोरिंग से जलापूर्तिवाले मुहल्ले
चितकोहरा, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, साधनापुरी, मीठापुर, यारपुर, कंकड़बाग, हनुमानगर, विजयनगर, ट्रांसपोर्ट नगर, लोहानीपुर, खेमनीचक, रामकृष्ण नगर, लालू नगर, पत्रकारनगर, डॉक्टर्स कॉलोनी, मलाहीपकड़ी, दुसाध पकड़ी, पीसी कॉलोनी, चांदमारी रोड, पोस्टलपार्क, रामनगर, छोटी पहाड़ी, अगमकुआं, महात्मा गांधी नगर, बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी, बेगमपुर, करमअली चक और सिपारा प्रमुख हैं.
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