22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संरक्षित होंगी बिहार से जुड़ी महात्मा गांधी की स्मृतियां

पटना: हम गांधी के सपनों को साकार करेंगे और बिहार से जुड़ी उनकी स्मृतियां संयोजित करेंगे. ये बातें शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने कही. वे अनुग्रह नाराययण सिंह अध्ययन शोध संस्थान में गांधी शिविर संरचना भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों को […]

पटना: हम गांधी के सपनों को साकार करेंगे और बिहार से जुड़ी उनकी स्मृतियां संयोजित करेंगे. ये बातें शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने कही. वे अनुग्रह नाराययण सिंह अध्ययन शोध संस्थान में गांधी शिविर संरचना भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों को गांधी की स्मृतियों को संयोजन का काम पसंद नहीं आ रहा, ऐसे लोगों को जानना चाहिए कि कॉरपोरेट घरानों से बिहार का विकास नहीं होगा. अपनी मिट्टी को संयोजने का काम बिहार खुद करेगा. बिहार की मिट्टी ही ऐसी है, जिसकी हस्ती कभी नहीं मिटेगी. सूबे की विरासत को संजोने और वर्तमान को संवारने की अपील की.
विरासत के संयोजन में जन भागीदारी जरूरी : सीएम ने कहा कि पटना म्यूजियम में राहुल सांस्कृत्यान की चीजें यूं ही पड़ी हुई थी. अब वह बर्ल्ड क्लास म्यूजियम में दिखेगी. उन्होंने कहा कि विरासत के संयोजन में जन भागीदारी भी होनी चाहिए. गांधी 1947 में इसी अनुग्रह नारायण संस्थान में ठहरे थे. तब देश में अशांति व सांप्रदायिक हिंसा का माहौल था. यहीं रह कर उन्होंने सबसे संवाद कायम किया. बिहार व देश में तब शांति-सद्भाव कायम हुआ था. उन्होंने कहा कि गांधी संरचना शिविर भवन में बापू के प्रवास से जुड़ी चीजें इक्कठा हो और उसे प्रदर्शित किया जाये, ताकि लोग जान सके कि तब क्या हुआ था?
मंत्री राम लषण राम लषण ने कहा कि आज कुछ लोग गांधी के माहौल के मिटाने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि उनका यह प्रयास सफल नहीं होगा. भवन निर्माण मंत्री दामोदर रावत ने कहा कि हम बिहार की विरासतों को हर कीमत पर संजोयेंगे. गांधी संग्रहालय के सचिव रजी अहमद ने कहा कि गांधी को आज भुलाया जा रहा है. उनके कातिलों का गुनगान किया जा रहा है. संस्थान के निदेशक डीएम दीवाकर ने कहा कि इस जगह पर गांधी जी ने 64 दिन बिताये थे. खान अब्दुल गफ्फार खां भी यही ठहरे थे. समारोह को कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन चंचल कुमार (आइएएस) ने किया.
गांव के 200 लोग मिल कर चलाते थे नालंदा विवि
सीएम ने कहा कि नालंदा विवि को आसपास के गांव के 200 लोग मिल कर चलाते थे. अंतत: उसके विकास व पुर्नस्थापना का फैसला केंद्र सरकार को भी लेना पड़ा. प्रो अमृत्य सेन ने भी नालंदा विवि के अवशेषों व कुटुम्बा की खुदाई का निरीक्षण किया था. दुनिया को ज्ञान देनेवाला नालंदा विवि विरासत का विकास मॉडल बनेगा. उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि केंद्र में जब-जब परिवर्तन होगा, तब-तब नालंदा विवि के विरासत मॉडल में पेंच लगेगा, किंतु हम इससे घबरानेवाले नहीं है. कुटुम्बा में कितना इतिहास दबा पड़ा है, इससे लोग जल्द ही रु-ब-रू होंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें