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अब ‘लुटेरे’ नर्सिग होम होंगे बंद

पटना: राज्य सरकार ने उन नर्सिग होम को बंद करने का सख्त कदम उठाया है, जो मानक को ताख पर रख मरीजों का लूट रहे हैं. इसके लिए रविवार को 12 जिलों में एक रजिस्ट्रेशन प्राधिकार का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष डीएम व सिविल सजर्न होंगे. इसके अलावा तीन अन्य मेंबर होंगे, जिन्हें […]

पटना: राज्य सरकार ने उन नर्सिग होम को बंद करने का सख्त कदम उठाया है, जो मानक को ताख पर रख मरीजों का लूट रहे हैं. इसके लिए रविवार को 12 जिलों में एक रजिस्ट्रेशन प्राधिकार का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष डीएम व सिविल सजर्न होंगे. इसके अलावा तीन अन्य मेंबर होंगे, जिन्हें यह शक्ति दी गयी है कि रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले नर्सिग होम को बंद करा दें. एक्ट लागू होने के बाद सिविल सजर्न कार्यालय को इसकी कॉपी वेबसाइट पर भेज दी गयी है, ताकि सभी लोग एक्ट को अच्छे से देख ले और नर्सिग होम की एक सूची तैयार करें. जो रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं उनका नर्सिग होम बंद कराये.
538 को कराना होगा रजिस्ट्रेशन
राजधानी में छोटे-बड़े लगभग 538 अस्पताल हैं, जहां मरीज इलाज कराते हैं. एक्ट के मुताबिक ऐसे में सभी को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वरना उन निजी नर्सिग होम या क्लिनिकों पर कार्रवाई की जायेगी. पूर्व से जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय में निजी अस्पतालों का आंकड़ा है, जिन्हें सबसे पहले देखा जायेगा और एक्ट के मुताबिक उनका अस्पताल नहीं होगा, तो उन्हें नोटिस भेजा जायेगा. इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है, जो सभी अस्पतालों का ब्योरा तैयार कर सिविल सजर्न को सौंपेंगे .
सरकार की ओर से क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्राधिकार का गठन हो गया है और इसे सख्ती से लागू करने का आदेश भी आ गया है. अब पूर्व से जो नर्सिग होम की जानकारी हमारे पास है. उनका निरीक्षण होगा और अगर वह मानक के मुताबिक काम नहीं कर रहा होगा,तो उसे नोटिस भेजा जायेगा. अगर उसे ठीक कर लेते हैं, तो ठीक हैं. वरना कार्रवाई होगी.
डॉ के.के. मिश्र, सिविल सजर्न
एक्ट को सख्ती से लागू होने के बाद वैसे नर्सिग होम बंद होंगे, जो मरीजों को लूट रहे हैं. इसके लिए 12 जिलों से रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हुआ है और 15 दिनों में रजिस्ट्रेशन प्राधिकार का गठन होगा.
रजनीश कुमार, प्रशासी पदाधिकारी, स्टेट हेल्थ सोसाइटी

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