पटना सिटी: लाशों को खोजने व संदिग्धों की पहचान करने में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम को डॉग स्क्वायड का सहयोग मिल पायेगा. कटरा बाजार के बाजार समिति कैंप में स्थित एनडीआरएफ की टीम में विदेशी नस्ल के आठ कुत्ते शामिल हुए हैं. जिन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके लिए प्रत्येक कुत्ते पर दो जवानों की प्रतिनियुक्ति हुई है.
आपदा में होंगे कारगर
ग्वालियर से लाये गये विदेशी नस्ल के कुत्तों का प्रथम चरण में प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. द्वितीय चरण का प्रशिक्षण जारी है. टीम में शामिल डॉग स्क्वायड को भूकंप, प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के बाद किस तरह काम करना है, इसकी जानकारी सहायक कमांडेंट महेंद्र सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद मलबों के ढेर में लाश दब जाती है, जिन्हें खोज पाना मनुष्य के लिए असंभव हो जाता है. ऐसी स्थिति में टीम में शामिल डॉग स्क्वायड की मदद से शवों को खोजा जा सकता है.
सूंघने की क्षमता अधिक
सहायक कमांडेंट के अनुसार कुत्तों को इस तरह प्रशिक्षित किया गया है कि बिल्डिंग में छिपे किसी संदिग्ध को भी खोज निकालने में ये कारगर साबित होंगे. चूंकि कुत्तों में सूंघने की क्षमता मनुष्य की अपेक्षा 40 गुना अधिक होती है. ऐसे में कुत्ते आसानी से सूंघ कर संदिग्धों को पकड़वा सकते हैं. टीम का मानना है कि आपदा में काम मशीन व मानव नहीं कर पाते हैं. वह काम डॉग स्क्वायड आसानी से कर देता है.