पटना: पटना के सभी थानों में दर्ज आपराधिक मामलों में संज्ञान लेने का अधिकार सीजेएम पटना के अलावा एसीजेएम एवं प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारियों को भी दिया गया है. पटना के 25 थानों में दर्ज होनेवाले मामलों की सुनवाई के लिए व्यवहार न्यायालय पटना में पदस्थापित 24 न्यायिक दंडाधिकारियों के बीच उनके क्षेत्रधिकार के अनुसार बांटा जायेगा.
यह व्यवस्था एक जून से लागू की जायेगी. नयी व्यवस्था के तहत प्रत्येक थाने के मामलों को सीधे उस न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भेज दिया जायेगा. जिसके क्षेत्रधिकार के तहत उक्त थाना आयेगा. सीधे तौर पर मामले में उसी न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की जायेगी.
पूर्व में आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिये पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा संज्ञान लिया जाता था. तथा संज्ञान के पश्चात मामलों को प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारियों की अदालतों में भेजा जाता था. अब जिसके क्षेत्रधिकार के तहत उक्त थाना रहेगा. उस मामले की सुनवाई वही न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा की जायेगी.