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ऑनलाइन सामान पर देने होंगे अधिक पैसे
इंट्री टैक्स : वाणिज्यकर विभाग ने जारी की अधिसूचना अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह नियम हो गया राज्य भर में लागू एक हजार से अधिक के सामान पर लगेगा इंट्री टैक्स इसके दायरे में मोबाइल, एसी समेत अन्य तरह के 10 फीसदी सामान ही आयेंगे कौशिक रंजन पटना : राज्य में अब ऑनलाइन […]
इंट्री टैक्स : वाणिज्यकर विभाग ने जारी की अधिसूचना
अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह नियम हो गया राज्य भर में लागू
एक हजार से अधिक के सामान पर लगेगा इंट्री टैक्स
इसके दायरे में मोबाइल, एसी समेत अन्य तरह के 10 फीसदी सामान ही आयेंगे
कौशिक रंजन
पटना : राज्य में अब ऑनलाइन शॉपिंग करना महंगा होगा. इन पर राज्य सरकार इंट्री टैक्स (इटी) वसूल करेगी. इ-कॉमर्स का व्यापार करनेवाली कंपनियों के सभी सामान नहीं, बल्कि करीब 10 फीसदी सामान ही इसके दायरे में आयेंगे. इसमें मुख्य रूप से मोबाइल, एसी, कूलर समेत अन्य ऐसे सामान ही इसकी जद में आयेंगे, जिनकी सप्लाइ ऑनलाइन की जाती है.
इन सामानों पर किसी तरह का वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) नहीं लगेगा, बल्कि सिर्फ इंट्री टैक्स ही लगेगा. यह टैक्स अलग-अलग सामान पर अलग होगा. वाणिज्य कर विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही यह कानून पूरे राज्य में सामान रूप से लागू हो गया है. अब इससे संबंधित नियमावली को भी तकरीबन अंतिम रूप दे दिया गया है. यह कैबिनेट से जल्द ही पास होने जा रहा है.
एक हजार से ज्यादा के चिह्न्ति सामान को मंगवाने पर इटी देना होगा. अलग-अलग वस्तुओं पर अलग टैक्स लगेगा. राज्य सरकार के इस नये नियम के दायरे में इ-कॉमर्स के जरिये बेची जानेवाली सिर्फ वहीं वस्तुएं आयेंगी, जो पहले से राज्य सरकार की तरफ से तय इटी की सूची में शामिल हैं. इस सूची में 33 प्रकार की वस्तुएं हैं. इसके बाहर किसी भी वस्तु पर इंट्री टैक्स लागू नहीं होगा या कहे, ऑनलाइन खरीदारी करनेवाले सभी सामानों पर इंट्री टैक्स नहीं लगेगा.
इस कंफ्यूजन को कर लें दूर : यह टैक्स वैट नहीं, बल्कि इंट्री टैक्स है. चूंकि सामान की खरीद के समय ही सभी ऑनलाइन कंपनी वैट वसूल लेती है. यह सामान से साथ भेजे गये बिल में भी जुड़ा रहता है. ऐसे में किसी दूसरे राज्य में दोबारा वैट नहीं लिया जा सकता है.
इस लिए इन पर इंट्री टैक्स लिया जा रहा है. यह पूरी तरह से राज्य सरकार लेती है. राज्य के बाहर से आने वाले 33 प्रकार के सामान पर राज्य वाणिज्य कर विभाग इंट्री टैक्स वसूल करती है. इसमें पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, लोहा, शराब, सिगरेट, तंबाकू समेत अन्य सामान भी हैं, जो ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियां नहीं बेचती हैं.
अब राज्य में ऑनलाइन कंपनियों का सामान डिलेवरी करनेवाले सभी कूरियर या इसके एजेंटों को वाणिज्य कर विभाग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. सभी सामान की ऑनलाइन इंट्री करनी होगी. इसमें इंट्री टैक्स के दायरे में आने वाले सामान की अलग से सूची तैयार करके इन पर टैक्स वसूलना होगा. फिर इस टैक्स को विभाग में जमा करना होगा. इन्हें रिटर्न भी फाइल करना अनिवार्य होगा.
नहीं लगेगा टैक्स
टीवी, रेडिमेड कपड़ा, जूता, घड़ी, चश्मा, बरतन, कांच के सामान, घर-सज्जा के सभी सामान, बेड शीट, चादर, परदे, खाद्य पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन के तमाम सामान जैसे अन्य वस्तुओं को ऑनलाइन मंगवाने पर किसी तरह का कोई इंट्री टैक्स नहीं लगेगा.
ऐसे देना होगा टैक्स
किसी भी ऑनलाइन कंपनी से सामान खरीदने पर उसका संबंधित कूरियर जब उस सामान की डिलेवरी देने आयेगा, तो उसी समय सामान के मूल्य पर उचित टैक्स ले लेगा. टैक्स लेने के बाद ग्राहक को इससे संबंधित एक अतिरिक्त रसीद देगा. ऑनलाइन पेमेंट करने के मामले में भी सामान की डिलेवरी देने के समय टैक्स देना पड़ेगा. कूरियर कंपनियों की यह जिम्मेवारी होगी कि इस टैक्स को वे वाणिज्य कर विभाग में जमा कराएं.
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