डीएम के आश्वासन पर अनशन खत्म
बिहटा : रविवार को 14 वें दिन पटना के डीएम सरवन कुमार की पहल पर अनशनकारी किसानों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया.अनशनकारी किसानों को वयोवृद्ध वामपंथी नेता गणोश शंकर विद्यार्थी व स्थानीय किसानों ने जूस पिला कर अनशन तुड़वाया.
मौके पर सांसद रामकृपाल यादव, विधायक उषा विद्यार्थी, विधायक भाई वीरेंद्र, प्रो सूर्यदेव त्यागी आदि मौजूद थे. रविवार को डीएम डॉ एन सरवन कुमार धरना स्थल पर पहुंचे. धरना स्थल पर आते ही उन्होंने बाढ़ व उसके कारण घोषित हाइ अलर्ट को लेकर देरी होने की बात बतायी. धरना स्थल पर बैठे किसानों ने बारी–बारी में अपनी समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया.
एक दर पर जोर
किसानों की तरफ से मुख्य जोर एक परियोजना एक दर पर रहा. इस पर डीएम ने कहा कि उनकी यह मांग पूरा करने में प्रशासन सक्षम नहीं है. किसानों ने कहा कि तीन राजस्व मौजा का एक ही अधिसूचना में एक ही समय अधिग्रहण किया गया.
फिर भी उन्हें एक रेट नहीं मिला, तो जिलाधिकारी ने कहा कि जमीन रैयती घोषित करने के कारण कुछ भुगतान 2007 में किया गया और कुछ बाद में. इसके कारण मुआवजा भुगतान में अंतर है.
मंशा हकमारी की नहीं
डीएम ने कहा कि सरकार की मंशा कहीं से भी किसानों का हक मारना या पैसे बचाना नहीं है. नियम पूरे बिहार में एक समान लागू होता है. उन्होंने किसानों से कहा कि सभी कागजात व पुख्ता जानकारी इकट्ठा कर उनसे पटना कार्यालय में मिलें.
वहां इस मामले के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला जायेगा.
कागजात प्रस्तुत करें
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसान अपनी मांग के पक्ष में तर्कसंगत कागजात प्रस्तुत करेंगे, तो सरकार उनकी मांग को अवश्य मानेगी. उन्होंने किसानों से कहा कि अगर आइआइटी का कार्य ठप करेंगे, तो इस क्षेत्र का विकास रुक जायेगा. किसानों ने इस पर एक–दो दिन में आपस में चर्चा कर उनसे कागजात के साथ मिलने की बात कही.
स्थानीय युवाओं एवं मजदूरों को निर्माण कार्य में प्राथमिकता देने की मांग पर निर्माण कार्य में लगी एजेंसी से बात कर सार्थक पहल का आश्वासन जिलाधिकारी ने दिया. किसानों द्वारा भूमि अधिग्रहण में भूमिहीन हो गये परिवारों को नौकरी दिलाने की मांग पर जिलाधिकारी ने ऐसे परिवार की जानकारी मांगी. इस पर किसानों ने लगभग एक हजार परिवार के प्रभावित होने की जानकारी दी. इस पर डीएम नौकरी दिलाने का प्रयास एवं प्रावधान के तहत काम करने की बात का आश्वासन दिया.
किसानों की मांग पर डीएम ने पेड़–पौधा, निजी नलकूप व रैयती घोषित जमीन का मुआवजा भुगतान स्थानीय स्तर पर कैंप लगा कर करने की बात कही. जिलाधिकारी ने किसानों से भू राजस्व विभाग के प्रधान सचिव से मिल कर उन्हें भी स्थिति स्पष्ट करने की बात कहीं.