पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) ने अपने सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव को छह वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रामदेव भंडारी के दस्तखत से गुरुवार को पप्पू यादव की बरखास्तगी की चिट्ठी जारी की गयी. पार्टी ने पप्पू यादव को दल विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया है और इस कारण तत्काल प्रभाव से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. पप्पू ने पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से हराया था. इधर पप्पू यादव ने गुरुवार को बेगूसराय में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के साथ मंच साझा कर राज्य में एक नये राजनीतिक विकल्प का संकेत दिया.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामदेव भंडारी ने बताया कि पप्पू यादव को 18 अप्रैल को नोटिस गया दिया था, जिसका जवाब पार्टी को तीन मई को प्राप्त हो गया. रामदेव भंडारी के मुताबिक, पप्पू यादव के जवाब मिलने के बाद ही पार्टी में उच्चस्तरीय विचार-विमर्श शुरू हो गया था. सांसद से जिन बिंदुओं पर सवाल उठाते हुए जवाब की मांग की गयी थी, उसका जवाब न देते हुए पप्पू यादव ने अपनी प्रशंसा भरा जवाब भेजा. उसमें राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर एक प्रकार से सीधा आरोप लगाया था. पप्पू यादव ने लिखा था कि वह सामाजिक लड़ाई लड़ रहे हैं. न्याय की लड़ाई में आगे बढ़ कर काम कर रहे हैं. इस सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, प्रेमचंद्र गुप्ता, जयप्रकाश नारायण यादव के अलावा कई वरीय नेताओं ने यह विचार किया कि मामले को लंबा खींचना ठीक नहीं है.
लोकसभा में अब असंबद्ध सदस्य की हैसियत होगी
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामदेव भंडारी ने बताया कि पार्टी से निष्कासन के बाद सांसद की लोकसभा से सदस्यता नहीं जायेगी, पर वह निष्कासन की अवधि में किसी पंजीकृत दल में शामिल नहीं हो सकते हैं. लोकसभा में उनकी स्थिति असंबद्ध सदस्य की हैसियत की रहेगी. लोकसभा में पार्टी की ओर से आवंटित सीट भी उनको नहीं मिलेगी. उन्हें पार्टी सीट से अलग सीट पर बैठना होगा. साथ ही लोकसभा में बहस के दौरान पार्टी की ओर से आवंटित समय भी नहीं मिलेगा. अब उनके लिए असंबद्ध सदस्य के रूप में जो समय मिलेगा, उसमें ही अपनी बात रखेंगे.
पांचवीं बार सांसद चुने गए पप्पू द्वारा हाल के दिनों में लालू प्रसाद के उत्तराधिकारी का मुद्दा उठाया था. इसके अलावा उन्होंने पूर्व सीएम मांझी के समर्थन में नीतीश नीत जदयू सरकार का विरोध करने के कारण विलय की तैयारी कर रहे राजद और जदयू के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गयी थीं.
पटना. पप्पू यादव ने राजद से अपने निष्कासन को कोर्ट में चुनौती देने का एलान किया है. पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने गुरुवार को लालू प्रसाद पर जम कर अपना भड़ास निकाला. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को सामाजिक न्याय की विचारधारा, गरीबों और यादवों से कोई मतलब नहीं है. उनको सिर्फ और सिर्फ मतलब है तो अपने पुत्र व पुत्री से. अगर लालू प्रसाद को अनुशासन की चिंता है, तो उन्होंने विभिन्न मौकों पर जो तीन पत्र मुङो लिखे हैं, उनको सार्वजनिक करें. उनको अपने घर की चिंता है. अब तो नौ व 11 मई को दरभंगा व मधेपुरा में किसान हल व कुदाल रैली और 15 को वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद ही तय होगा कि आगे क्या करना है.