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सरकारी स्कूलों के भवनों की स्थिति जजर्र, कभी भी हो सकता है हादसा भूकंप नहीं, तेज हवा ही काफी

पटना: सरकारी भवनों की खस्ताहाल स्थिति. ऊपर से भूकंप, जो जजर्र भवनों को नीचे से ऊपर तक हिला गयी है. ऐसे में भूकंप के झटके, भले ही इन भवनों को गिरा तो नहीं पायी. लेकिन, उसे और कमजोर जरूर कर गयी है. ऐसे में यदि इन भवनों की मरम्मत नहीं की जाती है, तो ये […]

पटना: सरकारी भवनों की खस्ताहाल स्थिति. ऊपर से भूकंप, जो जजर्र भवनों को नीचे से ऊपर तक हिला गयी है. ऐसे में भूकंप के झटके, भले ही इन भवनों को गिरा तो नहीं पायी. लेकिन, उसे और कमजोर जरूर कर गयी है. ऐसे में यदि इन भवनों की मरम्मत नहीं की जाती है, तो ये भवन कभी भी टूट कर गिर सकते हैं. इन स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों की जान आफत में है. यदि स्कूल खुलते इन भवनों की मरम्मत नहीं करायी गयी, तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है.
ये हैं विद्यालय
राजकीय मध्य विद्यालय सलेमपुर डुमरा, जो 54 वर्ष पुराना है. वेटनरी कैंपस के कमरे में संचालित है. यहां छह कमरे हैं, लेकिन सभी जजर्र स्थिति में. दरवाजे तो हैं, लेकिन खिड़कियां नहीं. शौचालय एक है, वह भी टूटी हुई. न दरवाजे बंद होते हैं और न ही खिड़कियां. बारिश और तेज हवाएं भी बच्चों को परेशान करती है. यही हाल बालक मध्य विद्यालय गोलघर पार्क की है. जहां बच्चों के चढ़ने-उतरने के लिए बनी सीढ़ियां पूरी तरह से टूट चुकी हैं. उन सीढ़ियों पर बच्चों के चढ़ने-उतरने पर न तो रोक लगायी गयी है और न ही उनका मरम्मत किया जा रहा है. ऐसे में भूकंप के झटकों के बाद कमजोर हुई सीढ़ियों से बच्चों का एक साथ चढ़ना-उतरना खतरे से खाली नहीं. कभी भी कोई हादसा हो सकता है. राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, केबी सहाय उच्च विद्यालय, गल्र्स हाइस्कूल शास्त्री नगर, बालक मध्य विद्यालय गोलघर पार्क समेत कई विद्यालयों के भवन पूरी तरह से जजर्र हो चुके हैं. जगह-जगह से दीवारें गिरती रहती है. उन दीवारों की मरम्मत नहीं होने से वे कभी भी गिर सकते हैं.
इनका हाल भी जजर्र
ये विद्यालय तो उदाहरण मात्र है. जहां व्यवस्था नदारद है. इनमें सबसे अधिक जजर्र विद्यालयों में राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, केबी सहाय उच्च विद्यालय, गल्र्स हाइस्कूल शास्त्रीनगर व टीके घोष एकेडमी समेत राजधानी के कई विद्यालय है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य जिलों में विद्यालय की स्थिति क्या होगी. ऐसी परिस्थिति में बच्चे जान आफत में डाल पढ़े तो भला कैसे.
विद्यालय का भवन पूरी तरह से जजर्र हो चुका है. मरम्मत कार्य नहीं होने से अक्सर दीवारें गिरती रहती हैं. सीढ़ी के शेड के नीचे बच्चों को बैठा कर पढ़ाना पड़ता है.
नंद किशोर शर्मा, प्रधानाचार्य, बालक मध्य विद्यालय, गोलघर पार्क
कई विद्यालय, जो जजर्र हो चुके हैं, उनकी मरम्मत करायी जा रही हैं. भूकंप के बाद जिन विद्यालयों के कमजोर होने की सूचना मिलेगी, उसकी मरम्मत करायी जायेगी. साथ ही इसके लिए स्कूल के प्राचार्य को बच्चों को वैसे कमरों में नहीं बिठाने का निर्देश दिया जायेगा, जिसकी दीवारें या भवन के क्षतिग्रस्त होने की आशंका होगी.
चंद्रशेखर कुमार, डीइओ, पटना

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