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बीमार अस्पताल में कैसे हो उपचार

पटना सिटी: दवाओं की कमी ङोलते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में मरीजों का उपचार हो तो कैसे हो. सबसे अधिक परेशानी रात के समय इमरजेंसी में मरीजों को होती है. इमरजेंसी में दवाओं की कमी व मेडिकल दुकानें बंद रहने की स्थिति में उपचार कराने आये मरीजों को दवा के लिए दूर-दराज का चक्कर लगाना […]

पटना सिटी: दवाओं की कमी ङोलते गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में मरीजों का उपचार हो तो कैसे हो. सबसे अधिक परेशानी रात के समय इमरजेंसी में मरीजों को होती है. इमरजेंसी में दवाओं की कमी व मेडिकल दुकानें बंद रहने की स्थिति में उपचार कराने आये मरीजों को दवा के लिए दूर-दराज का चक्कर लगाना पड़ता है. नतीजतन बीमार हो चुके अस्पताल में उपचार कराने के लिए रात में मरीज आने से कतराते हैं. इतना ही नहीं चिकित्सकों से भी मरीज के परिजनों की बहस व तनातनी भी होती है.
43 में पांच दवाओं की आपूर्ति : अस्पताल अधीक्षक डॉ मुकेश कुमार बताते हैं कि दवाओं की कमी के संबंध में विभाग को लिखा गया था. प्रथम चरण में आउटडोर व इंडोर में दवाओं की कमी के बारे में लिखते हुए 43 तरह की दवाओं की डिमांड विभाग से की गयी थी. इनमें महज पांच तरह की दवा ही उपलब्ध हो सकी है. इसी प्रकार दूसरी बार 23 प्रकार की दवाओं की डिमांड की गयी. इनमें महज नौ प्रकार की ही दवाइयां मिल सकी हैं. जानकारों की मानें, तो अस्पताल में आउटडोर मरीजों के लिए 33 प्रकार कीव इंडोर मरीजों के लिए 112 प्रकार की दवाइयां होनी चाहिए , जो अस्पताल में नहीं हैं. अस्पताल में इंट्राकैट व आरएल स्लाइन के साथ इमरजेंसी में उपयोग आनेवाली दवाओं की कमी है. यही स्थिति अस्पताल के महिला व प्रसूति विभाग की है. यहां भी मरीजों को दवाइयों की कमी ङोलनी पड़ रही है. इतना ही नहीं एंटी रैबिज दवा भी महीनों से नहीं है.
रोगी कल्याण समिति के फंड से दवाओं की खरीदारी का अधिकार पंद्रह हजार रुपये तक का है. स्थिति यह है कि ऑडिट के डर से फंड का इस्तेमाल दवा की खरीदारी के मद में नहीं किया जाता है. इस बात को अधीक्षक भी स्वीकार करते हैं. हालांकि,रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष एसडीओ किशोर कुमार प्रसाद बताते हैं कि जिस अनुपात में यहां दवाओं की खपत है, उस अनुपात में इतनी कम राशि में दवा की खरीदारी संभव नहीं है क्योंकि फंड से खरीदी गयी दवा एक- दो दिनों में खत्म हो जायेगी.दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में हो इसके लिए कार्य कर रहे हैं.
127 बेडों का अस्पताल : विशेषज्ञ चिकित्सकों से लैस श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में यों तो स्वीकृत बेड 394 हैं. वर्तमान में अस्पताल में 127 बेड कार्यरत हैं.
इसके लिए 22 चिकित्सकों का दल कार्यरत है. इनमें पांच महिला चिकित्सक हैं. इसके साथ ही 26 पारा मेडिकल स्टॉफ व 63 कर्मियों की फौज भी अस्पताल में मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध है. चिकित्सकों को पीड़ा यह है कि वे दवा नहीं रहने की स्थिति में मरीजों का उपचार कैसे करें. दवाओं के लिए लगातार अधीक्षक को लिखा गया है. इसके बाद भी दवा मुहैया नहीं होती है. ऐसे में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को रेफर कर दिया जाता है. बताते चलें कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से यहां मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं.

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