पटना. विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने स्व. डॉ (प्रो) इंदिरा सिन्हा द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये कार्यों को याद किया. उन्होंने कहा कि वह उस समय चौखट से बाहर निकली, जब महिलाओं के बाहर निकलने की कल्पना नहीं करते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत क्षेत्र में पचास फीसदी महिलाओं को आरक्षण देकर बराबरी का हक देने का काम किया. अस्पृश्यता आंदोलन में इंदिरा सिन्हा मेमोरियल एजुकेशनल फाउंडेशन की भूमिका सराहनीय होगी. आजादी के 68 साल बाद भी मैला प्रथा अभी भी कहीं-कहीं चालू है. दलित व आदिवासी को गड्ढे का पानी पीना पड़ रहा है. सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा उपलब्ध कराना है. सक्षम लोगों को कमजोर की सहायता करनी चाहिए. सेवानिवृत्त आइएएस आइसी कुमार ने कहा कि इंदिरा जी के मिशन को आगे बढ़ाना है. ज्ञान से बड़ा कोई दान नहीं होता है. समाज को बदला जा सकता है. अस्पृश्यता को शिक्षा के माध्यम से दूर करने का काम संभव है. राज्य सूचना आयुक्त अरुण कुमार वर्मा ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए इंदिरा जी द्वारा किये गये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. कार्यक्रम की अध्यक्षता स्व इंदिरा सिन्हा के पति व प्रसिद्ध चिकित्सक गोपाल प्रसाद सिन्हा ने की. मौके पर डॉ पद्माशा झा व हेतुकर झा ने अपने विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम में डॉ शशिभूषण सिंह की पुस्तक ‘ महिला सशक्तीकरण ‘ पुस्तक का विमोचन हुआ.
छुआछूत के खिलाफ आज भी आंदोलन की जरूरत : उदय नारायण चौधरी
पटना. विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने स्व. डॉ (प्रो) इंदिरा सिन्हा द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये कार्यों को याद किया. उन्होंने कहा कि वह उस समय चौखट से बाहर निकली, जब महिलाओं के बाहर निकलने की कल्पना नहीं करते थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्रिस्तरीय पंचायत क्षेत्र में पचास […]
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