संवाददाता, पटना15 जनवरी, 1934 को दिन के 2:13 बजे भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 8.4 रिकार्ड किया गया था. भूकंप का केंद्र बिंदु भी नेपाल में था, जिससे नेपाल व नेपाल से सटे बिहार के हिस्सों में भारी तबाही हुई थी. इसमें दस हजार छह सौ लोगों की मृत्यु हो गयी और जख्मी भी हुए थे. वही मंजर 81 वर्ष बाद शनिवार को आयी भूकंप ने नेपाल व उत्तर बिहार में ला दिया है. शनिवार को आये भूकंप के 30 घंटे बाद भी नेपाल व उत्तर बिहार में कितने जान-माल और आर्थिक नुकसान हुआ है, इसका आकलन नहीं किया जा सकता है. हालांकि, भूकंप के बाद से ही उत्तर बिहार व नेपाल की राजधानी काठमांडो में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मलबे से जख्मी व मृत लोगों को निकाला जा रहा है. लेकिन, रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है. नेपाल की तो और भयावह स्थिति है. वहां हर घंटे मृतकों की संख्या बढ़ रही है. वहीं,उत्तर-पूर्व बिहार में भी भूकंप के बाद से एक-एक कर मृतकों की संख्या बढ़ रही है. ऐसा कभी नहीं हुआ वर्ष 1934 से लेकर वर्ष 2014 के बीच 1988 व 2011 में भी भूकंप आया. इन भूकंप का भी केंद्र बिंदु नेपाल का ही कोई न कोई हिस्सा रहा और तीव्रता 6.9 रिकार्ड किया गया था, लेकिन शनिवार को आये भूकंप जैसा कभी नहीं हुआ. शनिवार को पहला भूकंप की झटका 11:41 में महसूस किया गया. इसके बाद रविवार तक कुल 41 बार भूकंप का झटका आया है. इस झटकों में बिहार 11 बार हिला व डोला है. आलम यह है कि मौसम वैज्ञानिक भी अचंभित है, क्योंकि भूकंप के पहले स्ट्रोक के 48 घंटा बाद तक एक से दो बार भूकंप का हल्का झटका आता है. लेकिन, इस भूकंप के पहले झटकों के बाद से लगातार झटका महसूस किया जा रहा है. यह गणित मौसम वैज्ञानिक के समझ से परे है.
BREAKING NEWS
भूकंप : 81 वर्ष बाद आयी ऐसी तबाही-सं
संवाददाता, पटना15 जनवरी, 1934 को दिन के 2:13 बजे भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 8.4 रिकार्ड किया गया था. भूकंप का केंद्र बिंदु भी नेपाल में था, जिससे नेपाल व नेपाल से सटे बिहार के हिस्सों में भारी तबाही हुई थी. इसमें दस हजार छह सौ लोगों की मृत्यु हो गयी और जख्मी भी […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement