पटना. विधान पार्षद एवं जदयू के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ रणवीर नंदन ने कहा कि भाजपा सवर्णों की हितैषी पार्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सवर्णों को बरगलाकर सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सवर्ण आयोग के मार्फत जो कर दिखाया है, वह एक ऐतिहासिक क्षण बन गया है. डॉ नंदन ने कहा कि आज सवर्ण आयोग की सिफारिशों पर अमल करनेवाला बिहार अगर पहला राज्य बना है, तो यह राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सर्वांगीण विकास के सोच की देन है. मुख्यमंत्री वैसे भी सामाजिक न्याय और विकास के फॉर्मूले पर राज्य का विकास चाहते हैं. यहां तक कि आयोग ने सभी कल्याणकारी योजनाओं में गरीब सवर्ण को शामिल करने का सुझाव दे कर सवर्ण गरीब को मजबूत बनाने की दिशा में पहल भी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार हमेशा कहते थे कि गरीब किसी एक जाति का नहीं होता है, इसलिए हिंदू और मुसलिमों के बीच से गरीब की तलाश करने का संकल्प लेते हुए 2011 में सवर्ण आयोग का गठन किया. इस आयोग के मार्फत जब सवर्ण गरीबों की सच्चाई सामने आयी तो सबसे पहले मुख्यमंत्री ने सवर्ण गरीब के ऐसे परिवारों के बच्चों को प्रथम श्रेणी से मैट्रिक पास करने पर दस हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय किया, जिनकी आमदनी डेढ़ लाख रुपये तक है.
भाजपा सवर्णों की हितैषी नहीं : रणवीर नंदन
पटना. विधान पार्षद एवं जदयू के प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ रणवीर नंदन ने कहा कि भाजपा सवर्णों की हितैषी पार्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने सवर्णों को बरगलाकर सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सवर्ण आयोग के मार्फत जो कर दिखाया है, वह एक ऐतिहासिक क्षण बन […]
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