राज्यपाल सह कुलाधिपति केसरीनाथ त्रिपाठी के द्वारा कर्मचारियों को रविवार को दोपहर दो बजे वार्ता के लिए राजभवन बुलाया गया और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया गया. कुलाधिपति के द्वारा कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया कि उनकी मांगों को पूरा कराने के लिए राजभवन पहल करेगी. लेकिन, फिलहाल कर्मचारी तत्काल अपनी हड़ताल को समाप्त कर काम पर वापस लौट जाये.
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आज समाप्त हो सकती है पीयू कर्मचारियों की हड़ताल
पटना: पटना विवि कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को समाप्त हो सकती है. इस पर निर्णय के लिए सोमवार को कर्मचारियों की आमसभा बुलायी गई है. मंगलवार से कर्मचारी काम पर वापस लौट सकते हैं. ऐसा राजभवन के सीधे हस्तक्षेप और कर्मचारियों के साथ वार्ता के बाद हुआ है. राज्यपाल सह कुलाधिपति केसरीनाथ त्रिपाठी के द्वारा […]
पटना: पटना विवि कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को समाप्त हो सकती है. इस पर निर्णय के लिए सोमवार को कर्मचारियों की आमसभा बुलायी गई है. मंगलवार से कर्मचारी काम पर वापस लौट सकते हैं. ऐसा राजभवन के सीधे हस्तक्षेप और कर्मचारियों के साथ वार्ता के बाद हुआ है.
कर्मचारियों ने राज्यपाल को 32 सूत्री मांगों व कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री के क्रियाकलापों के साथ ज्ञापन भी सौंपा. राज्यपाल ने कर्मचारियों को यह भी आश्वासन दिया है कि अगर उनके ऊपर इस दौरान कोई भी दंडात्मक कार्रवाई की जाती है, तो वे राजभवन को बताएं, वे उस पर त्वरित कार्रवाई करेंगे. कर्मचारियों ने कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री के द्वारा उठाये जा रहे कर्मचारी विरोधी कदम की एक-एक जानकारी दी. राज्यपाल ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि अगर कुलपति दोषी होंगे, तो उन पर भी कार्रवाई की जायेगी. लेकिन, छात्र हित में फिलहाल कर्मचारी हड़ताल को वापस ले लें. कर्मचारी संघ के महासचिव रणविजय ने कहा कि राज्यपाल के अनुरोध के बाद कर्मचारियों की आमसभा की बैठक सोमवार को बुलायी गई है. राज्यपाल सह कुलाधिपति की अपील को कर्मचारियों के समक्ष रखा जायेगा और अगर सर्वसम्मति से आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया, तो मंगलवार से कर्मचारी काम पर लौट सकते हैं.
लेकिन, जब तक निर्णय नहीं हो जाये अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह निर्णय सभी कर्मचारियों का होगा. उन्होंने कहा कि हम कुलाधिपति का सम्मान करते हैं. उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि आप भरोसा करें आपके हित में कदम उठाये जायेंगे. लेकिन, उनकी पहली शर्त है कि पहले आंदोलन को स्थगित की जाये. तभी वे आगे कुछ करेंगे. इस पर कर्मचारी पूरी गंभीरता के साथ विचार करेंगे. अगर कर्मचारियों की सहमति हुई, तो हम कुछ समय के लिए अपना आंदोलन वापस ले सकते, लेकिन अगर आगे अगर कर्मचारियों के साथ न्याय नहीं हुआ, तो हम पुन: आंदोलन करेंगे.
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