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ब्राजील की चीनी सस्ती बिहार की महंगी : रंजू

पटना : ब्राजील की चीनी सस्ती और बिहार की चीनी महंगी. इस सच को बिहार की चीनी मिलों ने नहीं, बल्कि गन्ना उद्योग मंत्री डॉ रंजू गीता ने स्वीकार किया है. उन्होंने देसी-विदेशी चीनी की कीमत में सामंजस्य बनाने की मांग दिल्ली में गन्ना किसानों और चीनी उद्योगों की समस्याओं पर हुई खाद्य उपभोक्ता और […]

पटना : ब्राजील की चीनी सस्ती और बिहार की चीनी महंगी. इस सच को बिहार की चीनी मिलों ने नहीं, बल्कि गन्ना उद्योग मंत्री डॉ रंजू गीता ने स्वीकार किया है. उन्होंने देसी-विदेशी चीनी की कीमत में सामंजस्य बनाने की मांग दिल्ली में गन्ना किसानों और चीनी उद्योगों की समस्याओं पर हुई खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मंत्रलय की बैठक में की है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बाहर से चीनी आयात किये जाने की अनुमति देने के कारण ब्राजील जैसे देशों की चीनी बिहार सहित अन्य राज्यों में काफी कम कीमत पर आ रही है. नतीजा यह है कि देश में और खास कर बिहार में उत्पादित चीनी के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, वहीं बिहार की चीनी मिलें बीमार हो चली हैं. किसानों की हालत भी बदतर है. देश में खपत से अधिक यानी 25 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हो रहा है. ऐसे में तो केंद्र को बाहर से चीनी का आयात पूरी तरह बंद कर देना चाहिए.
यदि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती है, तो उसे बाहर से आयातित चीनी पर 25 के बजाय 60 प्रतिशत आयात शुल्क लेना चाहिए. उन्होंने स्वीकार किया कि आयातित चीनी के घरेलू बाजार में मिली छूट के कारण स्थानीय चीनी हितों पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने कच्चे चीनी की रिफाइनिंग के बाद उसे 18 के बजाय तीन माह में निर्यात का नियम बनाने का सुझाव केंद्र को दिया है.
तीन माह में हर-हाल में चीनी का निर्यात हो, इस पर सख्त निगरानी रखने का भी उन्होंने केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मंत्रलय को सुझाव दिया है. केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मंत्रलय को उन्होंने राज्य में उत्पादित सफेद चीनी को भी कच्चे चीनी की तरह निर्यात करने की सुविधाएं मुहैया कराने का सुझाव दिया है.
इससे बिहार की चीनी मिलों को प्रोत्साहन और सहयोग मिलेगा. उन्होंने चीनी मिलों के विकास और उत्पादन वृद्धि के लिए ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराने की मांग केंद्र सरकार से की है.
उन्होंने कहा है कि इससे चीनी मिलों को किसानों के बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान करने में सहयोग भी मिलेगा. बिहार में चीनी मिलों ने गन्ना किसानों के 550 करोड़ का भुगतान अब तक नहीं किया है.
उन्होंने किसानों के बकाये गन्ना भुगतान के लिए केंद्र सरकार से 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की भी मांग की है. उन्होंने एमएमटीसी, एसटीसी या एफसीआइ के माध्यम से चीनी की खरीद करने का सुझाव भी केंद्रीय खाद्य उपभोक्ता और सार्वजनिक वितरण मंत्रलय को दिया है.

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