उन्होंने कहा है कि बेमौसम की वर्षा और ओला के कारण रबी फसलों की काफी क्षति हुई है. सरकार की उपेक्षा और प्रकृति की मार से किसान बेहाल हैं, मगर राज्य सरकार को सुध लेने की फरसत नहीं है. उन्होंने कहा कि धान खरीद का लक्ष्य 30 लाख मीटरिक टन की जगह 18-19 लाख मी टन ही खरीद हो सकी. केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाये गये समय में अगर राज्य सरकार चाहती तो लाखों टन धान खरीदा जा सकता था.
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बिहार को तीन हजार करोड़ की क्षति : मोदी
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि समय सीमा के अंदर के धान की खरीद नहीं करने से बिहार के किसान को तीन हजार करोड़ की क्षति हुई है. राज्य सरकार निर्धारित समय सीमा में भी अगर चाहती, तो तय लक्ष्य को हासिल किया जा सकता था. सरकार द्वारा आपूर्ति की गयी […]
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि समय सीमा के अंदर के धान की खरीद नहीं करने से बिहार के किसान को तीन हजार करोड़ की क्षति हुई है. राज्य सरकार निर्धारित समय सीमा में भी अगर चाहती, तो तय लक्ष्य को हासिल किया जा सकता था. सरकार द्वारा आपूर्ति की गयी घटिया गेहूं बीज के कारण हजारों एकड़ में लगी फसलों में दाना नहीं आया है.
क्या यह हकीकत नहीं है कि सरकार के पास धान रखने के लिए गोदाम नहीं है? क्या लाखों टन धान खुले में नहीं सड़ रहा है? क्या सरकार द्वारा सर्टिफिकेट केस किये जाने के कारण कोई मिलर कुटाई के लिए सरकार से धान लेने को तैयार नहीं है? मोदी ने कहा कि अब तक किसानों के बकाये 751 करोड़ का भुगतान नहीं हो पाया है. राज्य सरकार ने 31 मार्च को ही भुगतान पर रोक लगा दिया. इसके कारण किसान भुगतान के लिए परेशान हैं. पिछले साल 30 दिसंबर को राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृति धान खरीद पर बोनस मद के 500 करोड़ रुपये आज तक जारी नहीं हुए है. उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार किसानों का धान खरीदने से इनकार कर रही है तो दूसरी ओर घटिया बीज, बारिश और ओलावृष्टि से तबाह किसानों को राहत देने में उसकी कोई रूचि नहीं है.
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