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दो सीडीपीओ का रोका वेतन
पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों में भले ही अनियमितता हो, लेकिन उसकी मॉनीटरिंग से जुड़ी सीडीपीओ और पर्यवेक्षिकाओं को यह नहीं दिखता है. शायद यही कारण रहा कि महीने भर किये अपने तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच में सीडीपीओ से लेकर पर्यवेक्षिकाओं ने ‘ऑल इज वेल ’ दिखाया है. शुक्रवार को जब डीएम अभय कुमार सिंह […]
पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों में भले ही अनियमितता हो, लेकिन उसकी मॉनीटरिंग से जुड़ी सीडीपीओ और पर्यवेक्षिकाओं को यह नहीं दिखता है. शायद यही कारण रहा कि महीने भर किये अपने तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच में सीडीपीओ से लेकर पर्यवेक्षिकाओं ने ‘ऑल इज वेल ’ दिखाया है.
शुक्रवार को जब डीएम अभय कुमार सिंह ने योजनाओं की समीक्षा की,तो लापरवाही पकड़ में आ गयी. सभी सीडीपीओ को 50 केंद्र और पर्यवेक्षिका को 100 केंद्रों का प्रति महीने निरीक्षण का टास्क मिला था. इन्होंने निरीक्षण का टास्क पूरा नहीं किया, दूसरा ऑल इज वेल भी दिखा दिया. लापरवाही पकड़ में आने पर बिक्रम एवं दानापुर की सीडीपीओ का एक दिन का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है.समीक्षा में पता चला कि कि अधिकतर महिला पर्यवेक्षिकाओं ने लक्ष्य के अनुरूप काम नहीं किया है.
साथ ही निरीक्षण भी सतही है. एक भी चयन मुक्ति अथवा वसूली की अनुशंसा नहीं की गयी. बेहद खराब काम के लिए बिहटा की सुषमा एवं सूर्यवंती, बिक्रम की संयुक्ता प्रसाद, रूबी कुमारी, बिंदु कुमारी, दानापुर की नीलम, आकांक्षा एवं मुन्नी, धनरूआ की रजनी, मनेर की बबीता कुमारी, पालीगंज की उषा कुमारी, पटना ग्रामीण की चित्र कुमारी एवं कमला कुमारी, पटना सदर-2 की बबीता कुमारी तथा पटना सदर-3 की छवि कुमारी के एक दिन के वेतन की कटौती करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया.
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए नहीं मिली जमीन
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि धनरूआ, मसौढ़ी एवं मनेर प्रखंड की उपलब्धता अत्यंत निम्न है. इन प्रखंडों में जगह चिह्न्ति किये जाने के बावजूद मात्र 5 से 10 प्रतिशत मामलों में ही कार्य शुरू किया गया. धनरूआ बीडीओ ने बताया गया कि राशि के अभाव में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए कार्यादेश नहीं निर्गत किया जा सका है.
जिलाधिकारी द्वारा उन्हें शाम तक रोकड़ पंजी जिला में मंगवाने का निदेश दिया गया एवं स्पष्ट किया गया कि अगर राशि का किसी प्रकार का दुरुपयोग अथवा सरकारी निदेश के अनुरूप उपयोग नहीं किया गया पाया जायेगा तो उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए विभाग को अनुशंसा भेज दी जायेगी. मसौढ़ी एवं मनेर बीडीओ का एक दिन का वेतन स्थगित करते हुए उन्हें शो-कॉज किया गया.
दखलदिहानी में भी हाल खराब
समीक्षा में पाया गया कि दखल दिलाये जाने के मामले में संपतचक,बिहटा,दुल्हिन बाजार एवं बाढ़ अंचल की प्रगति संतोषजनक नहीं है. इन अंचलों के अंचल अधिकारी को चेतावनी दी गयी कि ऑपरेशन दखल सरकार की महत्वपूर्ण योजना है और इसमें किसी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जायेगा.अमीन के मामले में जिलाधिकारी द्वारा स्पष्ट किया गया कि वांछित योग्यता वाले किसी व्यक्ति से अमीन के रूप में कार्य लिया जाये एवं इसके लिए वांछित राशि की मांग जिला स्तर से की जाये.
सभी नोडल पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि साप्ताहिक रूप से अपने आवंटित प्रखंड का निरीक्षण करें एवं प्रखंड स्तर पर सभी विभागों के कार्यों को अपेक्षित गति प्रदान करवाना सुनिश्चित करें. बैठक में डीडीसी डॉ राजीव कुमार, अपर समाहर्ता नील कमल, सभी एसडीओ, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी बीडीओ, अंचलाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी प्रखंड के नोडल वरीय उप समाहर्ता भी उपस्थित थे.
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