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खुलासा : डीएवी के कई स्कूलों में नहीं हुआ स्पॉट वेरीफिकेशन
पटना: स्कूल में शिक्षक-छात्र का अनुपात क्या है, हर क्लास में स्टूडेंट्स की संख्या कितनी है, कितने टीचर्स हैं, रेगुलर व एडहॉक पर कितने शिक्षक कार्यरत हैं, हर क्लास में सेक्शन की कितनी संख्या है, स्कूल कितने एकड़ में है, स्कूल में सीबीएसइ नॉर्म्स का पालन कितना हो रहा है आदि बिंदुओं पर पटना स्थित […]
पटना: स्कूल में शिक्षक-छात्र का अनुपात क्या है, हर क्लास में स्टूडेंट्स की संख्या कितनी है, कितने टीचर्स हैं, रेगुलर व एडहॉक पर कितने शिक्षक कार्यरत हैं, हर क्लास में सेक्शन की कितनी संख्या है, स्कूल कितने एकड़ में है, स्कूल में सीबीएसइ नॉर्म्स का पालन कितना हो रहा है आदि बिंदुओं पर पटना स्थित तमाम डीएवी स्कूलों की जांच करनी थी. 8 सितंबर, 2014 को सीबीएसइ ने पटना रीजनल ऑफिस को जांच का आदेश दिया था.
आदेश के तहत डीएवी बीएसइबी के अलावा डीएवी खगौल, डीएवी वाल्मी, डीएवी ट्रांसपोर्ट नगर, डीएवी गोला रोड में जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी करना था. सीबीएसइ का आदेश तो आ गया, लेकिन जांच कमेटी ने मात्र डीएवी बीएसइबी और उनके ब्रांच डीएवी का स्पॉट इन्क्वायरी की. बाकी डीएवी की जांच की गयी या नहीं, इसको लेकर सीबीएसइ ने जांच कमेटी के सदस्यों से जवाब मांगा है. जांच कमेटी में सीबीएसइ की रीजनल ऑफिसर रश्मि त्रिपाठी और नवोदय विद्यालय के रिटायर ज्वाइंट डायरेक्टर डीएस सिंह शामिल थे. 18 मार्च, 2015 को भेजे गये लेटर में सीबीएसइ ने जांच कमेटी से जवाब देने को कहा है.
आदेश के बाद भी जांच नहीं
सीबीएसइ ने जांच कमेटी से जल्द-से-जल्द ट्रांसपोर्ट नगर डीएवी की जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. सीबीएसइ ने 8 सितंबर, 2014 को भेजे गये सीबीएसइ/वीआइजी/एफ/13522/(4)/इ-288-289 ऑर्डर नंबर के तहत ट्रांसपोर्ट नगर डीएवी संबंधित सारी जांच रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही सीबीएसइ ने तीन और डीएवी खगौल, वाल्मी और गोला रोड की जांच रिपोर्ट भी जांच कमेटी से मांगी है. सीबीएसइ सूत्रों की मानें तो सितंबर 2014 में आदेश देने के बावजूद इन डीएवी की जांच नहीं की गयी है.
आरटीआइ से खुला मामला
सीबीएसइ ने सितंबर 2014 में जांच का आदेश दे दिया, लेकिन इसकी इन्क्वायरी नहीं की. जब फरवरी 2015 में एक आरटीआइ एक्टिविस्ट ने सीबीएसइ दिल्ली से पटना स्थित तमाम डीएवी की जांच रिपोर्ट की मांग की. इसके बाद सीबीएसइ ने रिपोर्ट की खोज की, तो पता चला कि मात्र एक डीएवी बीएसइबी की रिपोर्ट सीबीएसइ रीजनल ऑफिस से प्राप्त हुई है. सूत्रों के अनुसार सीबीएसइ के पास डीएवी बीएसइबी के अलावा किसी भी मान्यता प्राप्त डीएवी की फिजिकल वेरिफिकेशन या स्पॉट इन्क्वायरी की रिपोर्ट रीजनल ऑफिस पटना से नहीं मिली है. मामला सामने आने के बाद सीबीएसइ ने रीजनल ऑफिस से पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है.
पेंडिंग है प्लस टू की मान्यता डीएवी बीएसइबी की प्लस टू की मान्यता 31 मार्च को खत्म हो गया. सीबीएसइ के अनुसार 2015-17 सत्र के लिए नामांकन लेनेवाले छात्र सीबीएसइ के तब तक नहीं माने जायेंगे, जब तक डीएवी बीएसइबी को दुबारा प्लस टू की मान्यता नहीं मिल जाती है. डीएवी बीएसइबी को प्लस टू मान्यता दिया जाये या नहीं, इसकी फाइल अभी सीबीएसइ के पास पेंडिंग पड़ी हुई है. सीबीएसइ की मानें तो डीएवी बीएसइबी के प्लस टू की मान्यता समाप्त हो गयी है.
डीएवी स्कूलों की जांच का जो दायित्व हमें दिया गया था, उसे हमने पूरा कर सीबीएसइ को दे दिया था. दुबारा लेटर सीबीएसइ ने दिया है. इसकी पूरी रिपोर्ट फिर से सीबीएसइ को भेज देंगे.
डीएस सिंह, जांच कमेटी के सदस्य
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