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डीएवी प्रकरण: पूर्व प्राचार्य ने दो रूमों में लगा रखा है ताला, नहीं दे रहे चाबी
पटना: डीएवी बीएसइबी में चल रहे फर्जीवाड़े का काला चिट्ठा अब भी स्कूल में है. दो रूम में खास दस्तावेज मौजूद हैं और उनकी चाबी पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद के कब्जे में है. अब इस रूम पर उन लोगों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई, जो पूर्व प्राचार्य के चहेते शिक्षक हैं. सूत्रों की मानें तो […]
पटना: डीएवी बीएसइबी में चल रहे फर्जीवाड़े का काला चिट्ठा अब भी स्कूल में है. दो रूम में खास दस्तावेज मौजूद हैं और उनकी चाबी पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद के कब्जे में है. अब इस रूम पर उन लोगों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई, जो पूर्व प्राचार्य के चहेते शिक्षक हैं. सूत्रों की मानें तो चाबी को लेकर वर्तमान प्राचार्य और रामानुज प्रसाद में बहस भी हो चुकी है और दो शिक्षकों ने रूम को खोलने का प्रयास भी किया है. बोर्ड ने रामानुज के स्कूल कैंपस में घुसने पर पाबंदी जरूर लगा दी है, लेकिन अब भी डॉक्यूमेंट के चोरी होने का खतरा बना हुआ है.
पुलिस को चाहिए और दस्तावेज
दरअसल स्कूल द्वारा पुलिस को जो डॉक्यूमेंट सौंपे गये थे, उनकी पूरी पड़ताल कर एक रिपोर्ट तैयार की गयी है. पुलिस इस रिपोर्ट से यह साबित करेगी कि स्कूल में होनेवाले फर्जीवाड़े के किस तरह से रामानुज प्रसाद जिम्मेदार हैं, लेकिन पुलिस को कुछ और डॉक्यूमेंट चाहिए,जो फर्जीवाड़े की पोल खोलेगी. पुलिस ने जब दोबारा स्कूल से संपर्क किया, तो प्रभारी प्राचार्य ने लिखित रूप में इसका जवाब दिया है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि स्कूल में दो रूम ऐसे हैं, जिनमें ताले लगे हुए हैं और उनकी चाबी रामानुज प्रसाद के पास है.
नहीं जाने दिया कैंपस में
28 मार्च को निलंबन से संबंधित कोई कागजात सौंपने के लिए रामानुज प्रसाद डीएवी पहुंचे थे. इस दौरान प्रभारी प्राचार्य इंद्रजीत राय ने उनसे दो रूम में लगे तालों की चाबी मांगी थी, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया. उनका तर्क था कि दोनों रूम में उनका पर्सनल सामान है, इसलिए वह चाबी नहीं देंगे. इस लेकर दोनों में बहस भी हुई. इसकी जानकारी दिल्ली बोर्ड को दी गयी तो रामानुज के स्कूल में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी. सूत्रों के मुताबिक 29 मार्च को रामानुज प्रसाद दुबारा स्कूल पहुंचे तो उन्हें स्कूल के गार्ड ने अंदर जाने से रोक दिया. गार्ड ने उन्हें बताया कि अंदर जाने का आदेश नहीं है.
रीजनल कार्यालय ने सौंपा दस्तावेज
डीएवी बीएसइबी के फर्जीवाड़े मामले में जुटी पुलिस ने सीबीएसइ के क्षेत्रीय कार्यालय से भी स्कूल से जुड़े कुछ दस्तावेजों को मांगा था. क्षेत्रीय कार्यालय ने 28 मार्च को सभी दस्तावेज पुलिस को सौंप दिया. कुछ जानकारियां दिल्ली मुख्यालय से भी मांगी गयी हैं. पुलिस दोनों दस्तावेजों का मिलान स्कूल में मौजूद अन्य डॉक्यूमेंट से करेगी. इस दौरान बोर्ड की गाइडलाइन को भी देखा जायेगा. वहीं स्कूल ने भी एक अप्रैल को मांगे गये दस्तावेजों को पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने जब और डॉक्यूमेंट की मांग की, तो दो कमरों में ताला बंद होने की बात सामने आयी है.
गेस्ट हाउस पर भी नजर
डीएवी के टॉप फ्लोर पर बने पांच लग्जीरियस रूम और वहां होनेवाली गतिविधियां पुलिस के शक के दायरे में हैं. पुलिस द्वारा अनुसंधान में सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर स्कूल में गेस्ट हाउस होने की सूचना जिला प्रशासन को क्यों नहीं दी गयी. स्कूल ने हालांकि यह सफाई दी है कि गेस्ट हाउस में विभाग से संबंधित लोगों के आने पर उन्हें वहां ठहराया जाता था, लेकिन पुलिस अब यह जांच कर रही है कि वहां विभाग के अधिकारियों के अलावा कौन-कौन लोग आते-जाते थे. पुलिस उसकी जांच कर रही है.
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