— बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन ने किया सेमिनार का आयोजन संवाददाता,पटनास्पाइन रोग से पीडि़त 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज बिना सर्जरी के संभव है. अगर मरीज को बहुत तकलीफ हो,तो ऐसे में माइक्रो सर्जरी हो सकती है. सर्जरी कुशल डॉक्टर से कराएं. ये बातें रविवार को बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करते हुए अपोलो हॉस्पिटल के डॉ एस गुलाटी ने कहीं. उन्होंने कहा कि लोगों की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है,वैसे ही उनका शरीर भी कमजोर होता है. उसी अनुपात में हड्डियों का जोड़ कमजोर होता है यानी एक खास उम्र सीमा पर शरीर का प्रमुख जोड़ घिस जाता है. जब मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो उसे ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की बात कही जाती है. मरीजों को जोड़ का रिप्लेसमेंट उस वक्त कराना चाहिए जब उन्हें लगे कि अब बिना ऑपरेशन के वह चल नहीं पायेंगे. अगर ऐसी स्थिति नहीं है,तो व्यायाम करें और खान-पान में सुधार कर वजन को घटाये.डॉ आर.एन.सिंह ने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस में बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती है. इसमें हड्डी में प्रेशर सहने की क्षमता काफी कम हो जाती है. एम्स, दिल्ली से आये डॉ प्रो. राजेश मल्होत्रा ने विचार रखा. सेमिनार में पीएमसीएच के हड्डी रोग के एचओडी डॉ विश्वेंद्र कुमार सिन्हा, डॉ राजीव आनंद, डॉ डीके सिन्हा, डॉ वीके सिन्हा, डॉ आशीष सिंह, डॉ आनंद शंकर, डॉ अमूल्य सिंह, डॉ प्रकाश सिंह व डॉ अनूप कुमार समेत कई डॉक्टर मौजूद थे.
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स्पाइन की सर्जरी कराये बिना भी रह सकते हैं स्वस्थ : डॉ एस गुलाटी
— बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन ने किया सेमिनार का आयोजन संवाददाता,पटनास्पाइन रोग से पीडि़त 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज बिना सर्जरी के संभव है. अगर मरीज को बहुत तकलीफ हो,तो ऐसे में माइक्रो सर्जरी हो सकती है. सर्जरी कुशल डॉक्टर से कराएं. ये बातें रविवार को बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित सेमिनार का उद्घाटन […]
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