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गरमी बढ़ी, फेल होने लगी बोरिंग
पटना सिटी: मौसम तपने के साथ ही गरमी बढ़ती जा रही है. इस कारण जल स्तर नीचे जाने से जलापूर्ति पंप हाफ रहे हैं. ऐसे में प्रचंड गरमी के समय लोगों को पानी का संकट ङोलना पड़ सकता है. स्थिति यह है कि अभी भी दर्जनों ऐसे मुहल्ले हैं, जहां जलापूर्ति पंप चालू होने के […]
पटना सिटी: मौसम तपने के साथ ही गरमी बढ़ती जा रही है. इस कारण जल स्तर नीचे जाने से जलापूर्ति पंप हाफ रहे हैं. ऐसे में प्रचंड गरमी के समय लोगों को पानी का संकट ङोलना पड़ सकता है. स्थिति यह है कि अभी भी दर्जनों ऐसे मुहल्ले हैं, जहां जलापूर्ति पंप चालू होने के बाद भी पानी संकट कायम है.
ये बोरिंग हैं जजर्र
पटना सिटी में 29 पुरानी और आठ नयी बोरिंग कार्य कर रही हैं. इसके बाद भी लोगों की प्यास नहीं बुझ पा रही हैं. दरअसल मामला यह है कि 29 में आठ ऐसी बोरिंग हैं, जो पुरानी व जजर्र होने की स्थिति में पानी उलीचने में विफल हैं. नतीजतन पंप से जुड़े मुहल्लों में अक्सर संकट की स्थिति बनी रही है. बिहार राज्य जल पर्षद के अधिकारी व नगर आयुक्त ने आठ बोरिंग की स्थिति स्पष्ट करने का आदेश जल पर्षद के सहायक अभियंता विनोद कुमार तिवारी को दिया है. इनमें महाराजगंज पुलिस चौकी तुलसी मंडी की बोरिंग, नून की चौराहा की बोरिंग, मालसलामी, नौजर कटरा, गुलजारबाग मैदान की बोरिंग, कैमाशिकोह बोरिंग, बेगमपुर नाला पर की बोरिंग व मंगल तालाब की बोरिंग शामिल हैं. चालू अधिकतर जलापूर्ति पंपों से पानी के साथ बालू व मिट्टी आ रहा है.
50 हजार आबादी संकट में
इन पंपों से जुड़े करीब सात दर्जन से अधिक मोहल्लों में हर दिन सुबह होते ही पानी के लिए कवायद शुरू हो जाती है. दुरुखी गली, फौजदारी कुआं, लाला टोली, टिकिया टोली, तुलसी मंडी, मिरचाई गली, गुलजारबाग,मक्खनवाली गली, पानी टंकी, खाजेकलां, सिंधी दालान, नीम घाट,मीतन घाट व टेढ़ी घाट समेत अन्य दर्जन छोटे-बड़े मोहल्ले शामिल हैं, जहां पानी संकट बना रहता है. करीब 50 हजार से भी अधिक की आबादी कुआं, चापानल व गंगा नदी पर आश्रित है.
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