– मृत्युंजय कुमार –
जहानाबाद : जहानाबाद के जिन गांवों में सावन–भादो में हरियाली नजर आती थी, वहां इन दिनों खेत परती नजर आते हैं. अब तक सिर्फ 33 फीसदी रोपनी हो पायी है. जहां रोपनी हुई है, वहां भी धान के पौधे पीले नजर आते हैं.
ऐसी स्थिति में किसानों के चेहरे भी मुरझाये हुए हैं. आखिर डीजल के जरिये कितनी सिंचाई की जाये. किसानों को चिंता सता रही है कि धान की फसल नहीं होगी, तो वे साल भर का राशन कहां से जुटायेंगे. खेतों में काम नहीं है, तो इसका असर मजदूरों के रोजगार पर भी पड़ा है. गांव में आठ घंटे बिजली देने का सरकार का वादा जमीन पर उतरता नहीं दिख रहा. कहीं ट्रांसफॉरमर जला है, को कहीं तार नहीं हैं.