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कुंदन का पांच किमी तक किया था पीछा
पुलिस पड़ताल : गुरुवार की रात पुलिस के हाथ आते-आते रह गया था आरोपित पटना : कुंदन गुरुवार की रात में ही पकड़ा जाता, लेकिन पुलिस की भनक पा निकल गया, फिर पुनपुन नदी के किनारे भागने लगा. गांव का रास्ता और अंधेरा होने के कारण पुलिस को काफी परेशानी हुई, लेकिन पैदल ही पुलिस […]
पुलिस पड़ताल : गुरुवार की रात पुलिस के हाथ आते-आते रह गया था आरोपित
पटना : कुंदन गुरुवार की रात में ही पकड़ा जाता, लेकिन पुलिस की भनक पा निकल गया, फिर पुनपुन नदी के किनारे भागने लगा. गांव का रास्ता और अंधेरा होने के कारण पुलिस को काफी परेशानी हुई, लेकिन पैदल ही पुलिस टीम लगातार उसका पीछा करती रही.
कुंदन को अनुमान हो गया कि अब वह पकड़ा जायेगा, इसके बाद उसने पांच किलो मीटर आगे जाने के बाद पुनपुन नदी में छलांग लगा दी, जिसके कारण वह बच निकला. पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कुंदन विस्फोट की घटना होने के बाद अपने फुफेरे भाई सुगंधी के साला कमलेश कुमार के मसौढ़ी के चांद चक स्थित घर पर रह रहा था.
एसएसपी जितेंद्र राणा के निर्देश पर सिटी एसपी (पूर्वी) सुधीर कुमार पोरिका, सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद व पटना सिटी डीएसपी राजेश कुमार कुंदन के मोबाइल फोन के लोकेशन से लगातार पीछे लगे थे. यह बम विस्फोट की घटना होने के बाद सीधे गौरीचक होते हुए धनरूआ तक गया और फिर अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया. इसके बाद यह मसौढ़ी से थोड़ी दूर पर स्थित भगवानगंज के लखनौर बेदौली स्थित अपने फुआ के घर गया. वहां उसके फुफेरे भाई सुगंधी व उसका साला कमलेश पहले से ही मौजूद था. कमलेश उसे अपने साथ लेकर अपने घर चांद चक लौट आया और सुगंधी अपने घर पर ही रह गया.
पुलिस को कुंदन के मोबाइल लोकेशन की जानकारी लखनौर बेदौली का मिला. जब उस गांव में रिश्तेदारी के संबंध में जानकारी ली तो फिर पुलिस सुगंधी तक पहुंच गयी. सुगंधी ने बताया कि वह उसके साला कमलेश के घर पर है. फिर उसे एकंगरसराय में पकड़ लिया गया.
हड़बड़ी में नहीं ली चाबी
हड़बड़ी में कुंदन को उसकी बाइक की चाबी नहीं मिली थी और वह बाइक को बहादुरपुर स्थित घटनास्थल पर ही छोड़ कर निकल भागा. क्योंकि उस समय तक आसपास के लोगों के बीच यह बात फैल चुकी थी कि बम फटा है. जिसे बाद में पटना पुलिस की टीम ने बरामद कर लिया था.
जेल जाने पर छोड़ी पढ़ाई
कुंदन हैदराबाद में नरसिम्हा कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. सिपाही भरती के मामले में जालसाजी में वह पकड़ा गया. इसके बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी. उसने मैट्रिक की परीक्षा 2011 में रंगनाथन स्कूल हवेली खड़गपुर से की थी, जबकि इंटर की पढ़ाई पटना में की थी.
उपप्रमुख पर है नजर
भगवान गंज इलाके के एक उपप्रमुख को भी पुलिस पकड़ सकती है. इस पर आरोप है कि इसने सुगंधी व कमलेश की तरह ही कुंदन को भगाने, शरण देने व आर्थिक मदद की थी. हालांकि पुलिस को अभी तक पूरी तरह साक्ष्य नहीं मिला है. जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं की गयी है.
माता-पिता थाने पर रो पड़े
कुंदन की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उसके माता-पिता भी एकंगरसराय थाने पर पहुंचे. पुलिस सूत्रों के अनुसार वे अपने बेटे की हरकत से काफी शर्मिदा थे और पुलिसकर्मियों के समक्ष ही रो पड़े. इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे को कोसा और कहा कि पूरे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिल गयी.
30 मार्च की सुबह ही लाया था बम को पटना
कुंदन ने पूछताछ को पुलिस को यह जानकारी दी है कि वह रांची से ट्रेन से बम को अपने साथियों के साथ 30 मार्च की सुबह आया था. बम को फ्लैट में रखने के बाद उसके अन्य साथी वहां से निकल गये. झारखंड से उसके साथ एक व्यक्ति आया था, जो कुंदन को यह बता रहा था कि बम का कैसे उपयोग करना है. लेकिन इसी दौरान कुंदन से ही गड़बड़ी हो गयी और बम ब्लास्ट कर गया. अगर बम पूरी तरह ब्लास्ट हो जाता तो कुंदन व एक अन्य का उसी समय चिथड़ा उड़ जाता. विस्फोट होने के बाद उसके फ्लैट से लेकर अगल-बगल के फ्लैट में अफरातफरी मच गयी.
कुंदन, हेमंत व अशोक तुरंत ही वहां से पैदल ही न्यू बाइपास पर पहुंच गये. जहां से तीनों अलग हो गये और कुंदन ने अपने फुफेरे भाई कमलेश से बात की और उसके गांव पर पहुंच गया. हालांकि पकड़े जाने के बाद फिलहाल कुंदन ने पुलिस को केवल यह जानकारी दी है कि वह उस व्यक्ति को नहीं पहचानता है, जो उन लोगों के साथ झारखंड से पटना आया था. इसके साथ ही यह भी फिलहाल नहीं बताया है कि उन लोगों के निशाने पर कौन लोग थे या फिर किस तरह की घटना को अंजाम देने की मंशा थी.
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