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हाउसिंग कॉलोनी ब्लास्ट : झारखंड में रची थी साजिश, मुख्य आरोपित कुंदन समेत तीन नालंदा से गिरफ्तार
एसएसपी बोले, झारखंड से लाये गये थे बम, आम लोगों को हानि पहुंचाने की थी मंशा पटना/बिहारशरीफ/एकंगरसराय : एक बार फिर पटना में ब्लास्ट की साजिश झारखंड में रची गयी थी. बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी ब्लास्ट के मुख्य आरोपित कुंदन (एकंगरसराय, बादराबाद) की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ है. हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया […]
एसएसपी बोले, झारखंड से लाये गये थे बम, आम लोगों को हानि पहुंचाने की थी मंशा
पटना/बिहारशरीफ/एकंगरसराय : एक बार फिर पटना में ब्लास्ट की साजिश झारखंड में रची गयी थी. बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी ब्लास्ट के मुख्य आरोपित कुंदन (एकंगरसराय, बादराबाद) की गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ है.
हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह किस संगठन से जुड़ा था. लेकिन, अभी तक जो तथ्य सामने आये हैं, उनसे आतंकियों से उसके संबंध होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. कुंदन से प्रारंभिक पूछताछ के बाद एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि बमों को झारखंड से लाया गया था और इन लोगों की मंशा आम लोगों को क्षति पहुंचाना था.
पटना व नालंदा पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर तीन बजे संयुक्त ऑपरेशन चला कर कुंदन को नालंदा जिले के परवलपुर से एकंगरसराय के बीच में पकड़ा. उसके अलावा दो अन्य कमलेश कुमार (मसौढ़ी, चांदचक ) और सुगंधी कुमार (भगवानगंज, लखनौर बेदौली) को भी गिरफ्तार किया है. सुगंधी कुंदन का फुफेरा भाई है, जबकि कमलेश सुगंधी का अपना साला है. कमलेश व सुगंधी ने कुंदन को छुपाने के साथ ही आर्थिक मदद भी की थी और पुलिस की भनक लगते इलाके से भगाने में भी सहायता की थी. कुंदन से प्रारंभिक पूछताछ के बाद एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि बमों को झारखंड से लाया गया था और इन लोगों की मंशा आम लोगों को क्षति पहुंचाना था. इधर, कुंदन के परिजनों का दावा है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि हमने कुंदन से सरेंडर करवाया है. अन्य दो आरोपित हेमंत और अशोक अभी फरार हैं.
पुलिस ने पहले सुगंध और कमलेश को पकड़ा और फिर कुंदन को गिरफ्तार किया. कुंदन पुलिस की भनक पाकर एकंगरसराय से निकलने के फिराक में था. इधर पटना व नालंदा पुलिस और एटीएस की टीम लगातार कुंदन के पीछे लगी थी. टीम ने उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक मोबाइल फोन व एक सीम बरामद किया गया है.
हालांकि, उसने अपने साथ रहे चार अन्य सीम को फेंक दिया था. पकड़े जाने के बाद उसे एकंगरसराय थाना लाया गया. इधर, गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर एसएसपी जितेंद्र राणा, सिटी एसपी पूर्वी सुधीर कुमार पोरिका, सदर डीएसपी रमाकांत प्रसाद, पटना सिटी डीएसपी राजेश कुमार की टीम वहां पहुंची. इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच एसएसपी जितेंद्र राणा ने एकंगरसराय थाने में उससे प्रारंभिक पूछताछ की और फिर भारी पुलिस सुरक्षा में उसे पटना ले आये.
एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि इन लोगों ने बमों को झारखंड से लाया गया था और इनकी मंशा आम जनों को क्षति पहुंचाना था. उन्होंने बताया कि अभी कुंदन से पूरी तरह से पूछताछ नहीं हो पायी है, जिससे यह जानकारी मिल सके कि ये लोग किस संगठन से जुड़े हैं और इन लोगों के ग्रुप का मास्टरमाइंड कौन है. हालांकि, कुछ लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है, जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि टीम में शामिल तमाम पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जायेगा.
एसएसपी ने कुंदन के माता-पिता को भी धन्यवाद दिया और कहा कि उनलोगों ने हमेशा अनुसंधान में पुलिस की मदद की. उन्होंने कहा कि कई ऐसी बातें हैं, जिनकी फिलहाल जानकारी नहीं मिल पायी है. कुंदन को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी.
क्या है मामला
30 मार्च की रात कोपटना के भूतनाथ रोड स्थिति बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी के एमआइजी सेक्टर तीन के ब्लॉक संख्या 12 में चौथा तल्ले पर स्थित फ्लैट संख्या 21 में कम तीव्रता का एक बम ब्लास्ट हुआ था. इसमें टाइमर का इस्तेमाल किया गया. ब्लास्ट के बाद उस फ्लैट से दो जिंदा टाइमर बम बरामद किये गये थे.
मां से मिलने घर गया था कुंदन
पुलिस सूत्रों की मानें, तो कुंदन के नालंदा आने की भनक जांच एजेंसियों को लग चुकी थी, जिसकी जानकारी नालंदा पुलिस को दी गयी. इसके बाद इसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की एक विशेष टीम गठित की गयी. पुलिस सूत्रों ने बताया, कुंदन अपनी मां से मिलने एकंगरडीह पहुंचा था. यह जानकारी कुंदन ने स्वयं पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में दी है.
हालांकि, जांच एजेंसियां कुंदन की इस बात पर सहमत नहीं है. जानकार बता रहें हैं कि कुंदन का अचानक एकंगरडीह पहुंचने का अन्य कारण हो सकता है. वहीं, परिजन दावा कर रहे हैं कि यह गिरफ्तारी नहीं है, हमने कुंदन से सरेंडर करवाया है.
पटना को दहलाने की थी साजिश!
अभी तक पुलिस की जांच में जो बात सामने आयी है, उसके मुताबिक कुंदन और उसके साथियों ने आम लोगों को हानि पहुंचाने के लिए ही झारखंड से बम लाये थे. इससे आतंकियों से उनके जुड़े होने के संकेत मिलते हैं. गांधी मैदान और बोधगया में सीरियल ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए बम भी झारखंड के रांची से आतंकियों द्वारा लाये गये थे.
इसके अलावा बमों में जिस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, वह किसी आतंकी संगठन द्वारा किया जाता है. इसके साथ ही कुंदन व उसके साथियों ने बमों में टाइमर के रूप में जिस लोटस कंपनी की घड़ी का इस्तेमाल किया था, उसी कंपनी की घड़ी का इस्तेमाल गांधी मैदान और बोधगया ब्लास्ट में भी किया गया था. बताया जाता है कि कुंदन ने हैदराबाद में करीब छह माह रह कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी. हैदराबाद प्रतिबंधित सिमी का गढ़ रहा है. सिमी ने ही गांधी मैदान और बोधगया ब्लास्ट की साजिश रची थी.
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