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पटना पुलिस, एटीएस, एनआइए व आइबी ने जांच शुरू की तीनों संग्दिध युवक नालंदा के, फोटो जारी

पटना/पटना सिटी: अगमकुआं थाने के भूतनाथ रोड स्थित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में सोमवार की रात हुए बम ब्लास्ट की पटना पुलिस के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और खुफिया विभाग (आइबी) ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस, एनआइए, एटीएस व आइबी की टीमों ने मंगलवार को हाउसिंग कॉलोनी के एमआइजी […]

पटना/पटना सिटी: अगमकुआं थाने के भूतनाथ रोड स्थित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में सोमवार की रात हुए बम ब्लास्ट की पटना पुलिस के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और खुफिया विभाग (आइबी) ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस, एनआइए, एटीएस व आइबी की टीमों ने मंगलवार को हाउसिंग कॉलोनी के एमआइजी सेक्टर तीन के ब्लॉक संख्या 12 में चौथा तल्ले पर स्थित फ्लैट संख्या 21 की छानबीन की, जिसमें ब्लास्ट हुआ था. घटनास्थल से कंप्यूटर, डायरी व अन्य दस्तावेज को बरामद किया गया.

साथ ही अगमकुआं थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इस मामले में फिलहाल नालंदा के तीन संदिग्ध युवकों कुंदन (एकंगरसराय), हेमंत (हिलसा) व अशोक (हिलसा) की तलाश की जा रही है. ब्लास्ट के बाद पुलिस को इन तीनों के फ्लैट में रहने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने जब फ्लैट को खंगाला, तो उन तीनों के फोटोग्राफ भी हाथ लग गये, जिन्हें पुलिस ने जारी किया है.

सुबह नौ बजे एटीएस के आइजी कुंदन कृष्णन जांच के लिए घटना पर पहुंचे. इसके बाद स्पेशल टीम के डीआइजी व अन्य पदाधिकारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा. यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा. दोपहर तीन बजे के आसपास एटीएस के डीएसपी आनंद कुमार पांडेय और दिल्ली से आयी केंद्रीय एफएसएल की टीम के दो वैज्ञानिकों ने घटनास्थल का मुआयना किया और वहां से विस्फोटकों व अन्य समान के नमूने लिये. एटीएस के डीएसपी श्री पांडेय ने बताया कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है.

एटीएस के अधिकारियों की जांच के बाद एनआइए की टीम भी वहां पहुंची और अपने स्तर से सारे घटनाक्रमों की जानकारी ली और घटनास्थल का जायजा लिया. एनआइए की टीम पटना पुलिस का जांच में सहयोग करने के लिए पहुंची थी. टीम में एक्सपर्ट भी शामिल थे. सभी टीमों ने अपने-अपने स्तर से फ्लैट का कोना-कोना खंगाला. उस फ्लैट में तीन कमरे थे. बरामद कंप्यूटर, डायरी व अन्य दस्तावेज की अलग-अलग टीमें अपने-अपने नजरिये से जांच कर रही हैं. सूत्रों के अनुसार डायरी से काफी मोबाइल नंबर मिले हैं. हालांकि, उन तीनों संदिग्धों में से किसी का मोबाइल फोन नहीं मिला है. संभवत: घटना के बाद वे लोग अपना मोबाइल फोन अपने साथ ले गये. लेकिन, अन्य सामान को छोड़ दिया. घटनास्थल पर देर शाम तक एसएसपी जितेंद्र राणा, सिटी एसपी (पूर्वी) सुधीर कुमार पोरिका और डीएसपी राजेश कुमार के साथ अन्य पुलिस पदाधिकारी भी उपस्थित है. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि अनुसंधान किया जा रहा है. फिलहाल अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि बम किसी नक्सली या आतंकी संगठन का था. उन तीनों के पकड़े जाने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है.
बम बनाना सीखने में हुआ था विस्फोट
एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को कहा कि बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुआ बम विस्फोट बहुत शक्तिशाली नहीं था. अब तक की जांच से पता चलता है कि यह लो-इंटेंसिटी का बम था. बम बनाना सीखने के दौरान यह विस्फोट हुआ. उन्होंने कहा कि यह तय है कि उस फ्लैट में बड़े स्तर पर बम बनाने का काम हो रहा था. लेकिन, तीनों की गिरफ्तारी के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इन बमों का क्या उपयोग होना था. इनकी गिरफ्तारी के बाद बड़े खुलासे की उम्मीद है. इन बमों के टाइमर में जिस लोटस घड़ी का उपयोग किया गया है, इन्हीं लोटस घड़ी का उपयोग बोधगया और गांधी मैदान ब्लास्ट में भी किया गया था, जो बड़ी समानता है. उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के लिए एनआइए की टीम को बुलाया गया है. जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.
जांच शुरू हो चुकी है. हर दृष्टिकोण से इसकी जांच की जा रही है. पुलिस को मामले की तह तक जाने की निर्देश दिया गया है. जो बम मिले हैं, उनमें टाइमर लगे हुए हैं. सूचना के अनुसार इस तरह के बम का इस्तेमाल आतंकी करते हैं.
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

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