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वेतनमान की मांग को लेकर प्रदर्शन

पटना: समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को बिहार राज्य नियोजित शिक्षक संघर्ष मोरचा ने शहर में प्रदर्शन किया. इसमें राज्य भर के प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षक समेत पुस्तकालयाध्यक्षों ने भाग लिया. वेतनमान लागू करो, वरना सिंहासन खाली करो. जब तक शिक्षक भूखा है, ज्ञान का सागर सूखा […]

पटना: समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर मंगलवार को बिहार राज्य नियोजित शिक्षक संघर्ष मोरचा ने शहर में प्रदर्शन किया. इसमें राज्य भर के प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक नियोजित शिक्षक समेत पुस्तकालयाध्यक्षों ने भाग लिया. वेतनमान लागू करो, वरना सिंहासन खाली करो.

जब तक शिक्षक भूखा है, ज्ञान का सागर सूखा है आदि नारों के साथ जुलूस गांधी मैदान से निकली, जो पटना जंकशन और जीपीओ गोलंबर होते हुए आर ब्लॉक पहुंची, जहां सभा में तब्दील हो गयी.

मांगे पूरी नहीं होने पर सदन करेंगे भंग : समान कार्य के लिए समान वेतन की मांगों को लेकर पिछले नौ दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उग्र आंदोलन करने की बात कही. संघ द्वारा अनशन पर बैठे दर्जनों शिक्षकों कि स्थिति दयनीय होने के बावजूद सरकार द्वारा कोई सुध नहीं लिये जाने के विरोध में आंदोलन को उग्र रूप देने का निर्णय लिया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरण कुमार ने कहा कि अनशनकारियों की स्थिति दयनीय होने पर पीएमसीएच में भरती कराया गया है. बावजूद सरकार कोई सुध नहीं ले रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश सिंह ने दिया समर्थन
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की ओर से आयोजित शिक्षक धरना प्रदर्शन में पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह व जदयू विधायक राहुल शर्मा शिक्षकों का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षक विरोधी नीति के तहत काम कर रही है. इनकी जायज मांगों को पूरा करने के बजाय अनशन व धरना प्रदर्शन करा रही है. साथ ही उन्होंने शिक्षकों का समर्थन करते हुए मांग पूरा होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही.
चार को करेंगे मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार
वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा के संयोजक राम विनेश्वर सिंह ने बताया कि वेतन व सेवा सामंजन की मुख्य मांगों को लेकर राज्य के वित्तरहित शिक्षाकर्मी चार अप्रैल को एक दिन के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे. सरकार की उपेक्षा के कारण राज्य के वित्तरहित व इंटरमीडिएट महाविद्यालयों के हजारों शिक्षाकर्मियों को राहत के रूप में जो अनुदान देने का निर्णय लिया गया है, वह भी पिछले चार वर्षो से बंद है. वित्तरहित शिक्षाकर्मी लगातार आंदोलनरत हैं.
वेतनमान नियोजित शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि वेतनमान नियोजित शिक्षकों का संवैधानिक अधिकार है. सरकार अब तक वार्ता व समझौता कर वादाखिलाफी करती आयी है. यहां तक की 18 फरवरी को कैबिनेट में कई फैसले लिये गये, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा रद्द कर दी गयी. संघ द्वारा शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ मांगे पूरी नहीं होने पर बिहार भर के विद्यालयों को बंद किया जायेगा. मौके पर अनिल प्रसाद सिंह, संजय कुमार, अमोद कुमार व अन्य मौजूद थे.
विद्यार्थी परिषद ने मनाया काला दिवस
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने बिहार बंद पर लाठीचार्ज के विरोध में काला दिवस मनाया. पटना सायंस कॉलेज से परिषद् के कार्यकर्ताओं का दल जुलूस के रूप में निकला. राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त शैक्षिक व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर उतरे कार्यकर्ताओं पर पुन: लाठीचार्ज करके नीतीश सरकार ने छात्र विरोधी मुखौटा उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक अराजकता के विरोध में आंदोलन जारी रहेगा. काला दिवस के कार्यक्रम में जिला संयोजक विजय प्रताप, गौरव सुंदरम, पटना विवि अध्यक्ष गौरव बंटी, उपाध्यक्ष अमित चौधरी, दिवाकर गिरि, मनीष कुमार, राहुल कुमार, अजीत कुमार, राजेश श्रीवास्तव व गौरव प्रकाश समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे. वहीं, फुलवारी जेल में बंद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलनकारी छात्रों से केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने मुलाकात की.

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