संवाददाता, पटना27 अक्तूबर, 2013 को हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले की जांच पटना पुलिस ने करने के लिए खुद ही आइएम के आतंकियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन इस प्राथमिकी में पटना पुलिस कोई विशेष कार्रवाई नहीं कर पायी. घटना होने के बाद पहले जीआरपी व गांधी मैदान थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में दोनों ही मामलों को एनआइए ने कुछ दिन बाद अपने हाथ में ले लिया था. इसके बाद उस समय के थानाध्यक्ष राजबिंदु प्रसाद के बयान पर 13 नवंबर को गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी में इस बात का जिक्र किया गया था कि देश की खुफिया व जांच एजेंसियों से इस बात की जानकारी मिल रही है कि बाहरी मुल्कों से हवाला के माध्यम से सूबे में आतंकियों को आर्थिक मदद भेजी जा रही है और पैसों व सीडी दिखा कर इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य बनाया जा रहा है. प्राथमिकी में बताया गया था कि इंडियन मुजाहिद्दीन के सक्रिय सदस्य तहसीन अख्तर व हैदर द्वारा पाकिस्तान स्थित आकाओं से आर्थिक सहयोग लेकर पटना में बम विस्फोट की घटना को अंजाम देकर आतंक मचाने की योजना थी. हवाला के माध्यम से आ रही आर्थिक मदद प्राथमिकी में यह भी जानकारी दी गयी थी कि हवाला के माध्यम से इन आतंकियों को आर्थिक सहयोग मिल रहा है, ताकि सूबे में दंगा व हिंसा भड़क सके. इसके अलावा ये आतंकी सूबे के युवकों को पैसों का लालच देकर व धार्मिक सीडी दिखा कर इंडियन मुजाहिद्दीन में शामिल कर रहे हैं.
गांधी मैदान थाने में भी दर्ज है आतंकियों पर प्राथमिकी
संवाददाता, पटना27 अक्तूबर, 2013 को हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले की जांच पटना पुलिस ने करने के लिए खुद ही आइएम के आतंकियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन इस प्राथमिकी में पटना पुलिस कोई विशेष कार्रवाई नहीं कर पायी. घटना होने के बाद पहले जीआरपी व […]
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