पटना सिटी: सीआइडी क्राइम ब्रांच के नकली इंस्पेक्टर के तीखे तेवर व तेज- तर्रार अंदाज को देख कर कुछ समय के लिए आलमगंज के थानाध्यक्ष बीके सिंह भी सकते में पड़ गये. दोनों के बीच काफी देर तक कह-सुनी हुई. थोड़ी देर बाद ही नकली इंस्पेक्टर का भेद खुला. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि क्राइम ब्रांच का नकली आरक्षी भागने में सफल रहा. उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है.
क्या है मामला
आलमगंज थाना क्षेत्र की पठान टोली में रहनेवाले महमूद आलम के घर दो युवक शुक्रवार की सुबह पहुंचे. खुद को क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर व आरक्षी बताया. खुद को इंस्पेक्टर बतानेवाले युवक ने कहा कि आपके घर से पांच अगस्त को अगवा बेटी निशात फातिमा उर्फ नेहा के मामले में छानबीन के लिए पहुंचे हैं. दोनों युवकों ने नेहा का फोटो व उसके संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी. उसने यह भी कहा कि पटना के एसएसपी व थानाध्यक्ष उनके साथ मोबाइल पर कॉन्फ्रेंस में हैं. पल-पल की जानकारी दी जा रही है. शाम चार बजे तक युवती वापस आ जायेगी.
घर पहुंचे सीआइडी इंस्पेक्टर व आरक्षी के तौर -तरीके को देख कर लड़की के चाचा शकील अहमद को शक हुआ. उन्होंने मामले की जानकारी एसएसपी मनु महाराज को दी. एसएसपी ने थानाध्यक्ष बीके सिंह को मामले में जांच के लिए भेजा. पुलिस को देख कर भी नकली इंस्पेक्टर व आरक्षी के तेवर कम नहीं हुए. थानाध्यक्ष ने जब पूछा कि किस बैच के अधिकारी हैं, तो उसने खुद को वर्ष 2004 बैच का अधिकारी बताया.