पटना: हरियाली मिशन के तहत राज्य में पांच साल में 24 करोड़ पौधारोपण किया जाना है. पौधों की देख-रेख के लिए सूक्ष्म स्तर पर निगरानी शुरू हो रही है. पर्यावरण एवं वन विभाग के अधिकारियों को निरीक्षण का टास्क दिया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीएन झा ने वनरक्षी से लेकर क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक तक के अधिकारियों को नियमित अपने इलाकों में भ्रमण व पौधारोपण पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
हर दिन का निरीक्षण रिपोर्ट बनाएं
क्षेत्र में भ्रमण करनेवाले वनकर्मियों को हर दिन निरीक्षण रिपोर्ट बनाने का निर्देश है. रिपोर्ट में बताना है कि इलाके में किस उद्देश्य से गये और क्या पड़ताल की. निरीक्षण के दौरान वनकर्मियों को यह भी देखना होगा कि अगर कोई पौधा 90 प्रतिशत जीवित है, तो उसे फिर से हरा-भरा बनाया जा सकता है कि नहीं. दैनिक रिपोर्ट को संकलित पर मासिक रिपोर्ट बनानी है. अगर अधिक पौधे सूख गये, तो पटवन करनेवाले मजदूरों का भुगतान भी उसी के अनुसार किया जायेगा. पौधों के सूख जाने पर एक साल से अधिक उम्रवाले पौधों को ही लगाया जायेगा. वन प्रमंडल पदाधिकारी रिपोर्ट को समेकित करने के साथ ही इसे मुख्यालय को भी उपलब्ध करायेंगे.
हर विभाग को पौधारोपण का टास्क
पांच साल में 24 करोड़ से अधिक पौधारोपण किया जाना है. इनमें तीन करोड़ फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे. वन विभाग जंगल की जमीन पर चार करोड़ पौधे लगायेगा. अन्य विभाग 11 करोड़ पौधारोपण करेंगे. इनमें 6.50 करोड़ पोपलर, एक करोड़ यूक्लिप्टस, 1.50 करोड़ बांस व एक करोड़ अन्य पौधे हैं. कृषि विभाग के 225 कृषि प्रक्षेत्र, जिनमें औसतन 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है, 200 किमी का पौधारोपण होगा. इनमें 60 हजार पौधे लगाये जायेंगे. इसी तरह कृषि-वानिकी के तहत 6.5 करोड़ पौधा लगाया जायेगा. मनरेगा के तहत भी पौधा लग रहे हैं. राज्य के 70 हजार विद्यालयों में हर 10 पौधा के अनुसार 70 लाख पौधारोपण होगा. जल संसाधन विभाग अपने अधीन 3643 किमी नदी तटबंध व 10,392 किमी नहर तटबंध पर पौधारोपण करेगा.
स्वास्थ्य विभाग के अधीन सभी सदर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी पौधारोपण किया जाना है. 1800 वर्ग किमी बंजर भूमि पर यूकेलिप्टस, बांस व फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे.