पटना. जल संसाधन विभाग के बजट पर बुधवार को विधानसभा में हुई बहस के दौरान भी केंद्र की उपेक्षा का मामला छाया रहा. जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार की बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को ले कर दंडीमारी कर रही है. केंद्र ने इस बार सिर्फ कोसी और महा नंदा के लिए ही बाढ़ नियंत्रण के मोरचे पर सहयोग दिया है. उत्तर बिहार के अन्य बाढ़ ग्रस्त जिलों के लिए कोई मदद नहीं दे रहा केंद्र. केंद्र की नीति आयोग में भी बिहार को बाढ़ से बचाव के लिए किसी मदद की कहीं कोई चर्चा नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि वित्त आयोग ने भी बाढ़ नियंत्रण के मामले में बिहार के कोटे में भारी कटौती की है. पहले त्वरित सिंचाई लाभ योजना ने तहत बिहार को 90 प्रतिशत केंद्रांश मिलता था, अब 50 प्रतिशत ही मिलेगा. 13 वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर बाढ़ नियंत्रण के लिए बिहार को 333 करोड़ रुपये का केंद्रांश मिलता था, अब वह भी बंद हो जायेगा. उन्होंने कहा कि कें द्र से राशि न मिलने के कारण बाढ़-कटाव निरोधक कार्य बाधित हो रहा. बाढ़-कटाव की 330 योजनाएं केंद्रीय मदद से वंचित होगी. महज आठ योजनाओं के लिए ही केंद्र से राशि मिलेगी. वर्ष 2015 में बाढ़-कटाव निरोधक 445 योजनाओं पर काम होना है, किंतु मात्र 11 योजनाओं के लिए ही केंद्रांश मिलेगा. जल संसाधन मंत्री द्वारा केंद्र पर लगाये गये इन आरोपों के जवाब में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार को कोई घाटा न हो, इसको ले कर केंद्र सरकार चिंतित है. किंतु मुख्यमंत्री ईर्ष्या-द्वेष के कारण केंद्र सरकार से बात नहीं कर रहें. वित्त मंत्री अरुण जेटली का बिहार के प्रति सकारात्मक रुख है. बिहार सरकार पहले केंद्रीय वित्त मंत्री को बताये, तो कि उसकी योजना क्या है?
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बिहार की बाढ़ नियंत्रण योजनाओं की उपेक्षा कर रहा केंद्र : विजय चौधरी
पटना. जल संसाधन विभाग के बजट पर बुधवार को विधानसभा में हुई बहस के दौरान भी केंद्र की उपेक्षा का मामला छाया रहा. जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार की बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को ले कर दंडीमारी कर रही है. केंद्र ने इस बार सिर्फ कोसी और महा नंदा के […]
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