— बुधवार को पहला अर्घ 5.48 व गुरुवार को प्रात:कालीन अर्घ 5.50- 6.15 बजे तकसंवाददाता,पटनालोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई. सुबह से ही घाटों पर व्रतियों की भीड़ रही. स्नान के बाद पूजा कर व्रतियों ने गंगा जल से नहाय-खाय का प्रसाद बनाया. अरवा चावल, कद्दू की सब्जी व चने का दाल सूर्य देव को अर्पित कर फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. साथ ही परिजन व रिश्तेदारों में भी प्रसाद बांटे गये. आज है खरना : पंडित मार्कंडेय शारदेय के अनुसार चैत्र मास की चतुर्थी तिथि से व्रत की शुरुआत हुई है,जो मास की सप्तमी तिथि यानि गुरुवार को पारण के साथ समाप्त होगी. मंगलवार को खरना है. पंचमी तिथि को व्रती महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेंगी. मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ में खीर बनेगी. शनिवार को पहला अर्घ : बुधवार को षष्ठी तिथि में भगवान सूर्य को सायंकालीन अर्घ पड़ेगा. इस दिन से व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगे. शुद्ध घी में आटे का बना ठेकुआ का प्रसाद,केला, अमरूद ,नारंगी, नारियल व गन्ना का प्रसाद सूप में रखेंगी. फिर जल में खड़े होकर अस्तलचामी सूर्य को अर्घ देंगे. गुरुवार को प्रात:कालीन उगते को अर्घ देंगे .
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नहाय-खाय संपन्न,खरना आज
— बुधवार को पहला अर्घ 5.48 व गुरुवार को प्रात:कालीन अर्घ 5.50- 6.15 बजे तकसंवाददाता,पटनालोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय-खाय के साथ हुई. सुबह से ही घाटों पर व्रतियों की भीड़ रही. स्नान के बाद पूजा कर व्रतियों ने गंगा जल से नहाय-खाय का प्रसाद बनाया. अरवा चावल, कद्दू की […]
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