पटना: डीसी बिल जमा कराने को लेकर सरकार ने पैटर्न बदल दिया है. जिलास्तरीय कार्यालयों को ट्रेजरी में नहीं, बिल एजी ऑफिस में ही समायोजित करना होगा. महालेखाकार कार्यालय ने परिवहन भवन में बिल समायोजन के लिए कैंप कार्यालय खोला है, जहां जितने भी लंबित डीसी बिल है, उसका समायोजन कराने की व्यवस्था है.
मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में कई विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि ट्रेजरी में डीसी बिल जमा करने के बावजूद महालेखाकार की सूची में पेंडिंग दिखायी जा रही है. खास कर शिक्षा व ग्रामीण विकास विभाग ने ऐसी शिकायतें कीं.
मुख्य सचिव ने इसे गंभीरता से लिया और एजी से पूछा कि क्या एक अक्तूबर-2011 के बाद डीसी बिल सीधे महालेखाकार कार्यालय में जमा किया जा सकता है या नहीं. एजी ने बताया कि इसके लिए ट्रेजरी कोड में संशोधन करने की जरूरत होगी. एजी सरकार के समक्ष पिछले दो वर्षो से ट्रेजरी कोड में संशोधन करने को लेकर कई बार आपत्ति जता चुका है.
ट्रेजरी अफसर को देनी होगी सूचना
एजी के परामर्श पर सरकार ने एक आदेश जारी कर ट्रेजरी कोड में संशोधन किया है. अब एक अक्तूबर, 2011 से 31 दिसंबर, 2012 तक के लिए एसी बिल के विरुद्ध डीसी बिल सीधे महालेखाकार कार्यालय को जमा किया जा सकता है. निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को एजी और ट्रेजरी में अपनी सुविधा के अनुसार डीसी बिल जमा कर सकते हैं. सीधे एजी कार्यालय में जमा कराये गये बिल एवं एडजस्ट बिल की सूचना कोषागार पदाधिकारी को अनिवार्य रूप से देना होगा. सूचना के बाद ट्रेजरी ऑफिसर वित्त विभाग के सॉफ्टवेयर सीटीआइएमएस से लंबित एसी बिल को हटा लेंगे.