पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौन नेता अतिपिछड़ा है और कौन नहीं, यह समय आने पर पता चलेगा. वक्त का इंतजार करना चाहिए. सोमवार को जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा पीएम पद के लिए अतिपिछड़ी जाति के नेता को योग्य प्रत्याशी बताये जाने संबंधी सवाल पर यह प्रतिक्रिया दी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिल्कुल सच है कि गंठबंधन वीटो से नहीं चलता. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में चली गंठबंधन सरकार एक बेंचमार्क है. हम उसी आदर्श स्थिति की बात कर रहे हैं. गंठबंधन को मजबूरी में नहीं चलाया जा सकता और न ही यह अनिवार्य होता है. आपसी सहमति के आधार पर ही बिहार में सरकार चल रही है. गंठबंधन में अगर किसी मुद्दे पर सहमति न बने, तो कल किसने देखा है. हर पार्टी को निर्णय लेने व अपनी बात रखने का अधिकार है. जदयू ने अपनी राय रख दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कभी भी सार्वजनिक फोरम में कोई बात नहीं कही. जब भी कहा, पार्टी के फोरम पर. पार्टी सांसद शिवानंद तिवारी द्वारा नरेंद्र मोदी का नाम लेकर पीएम पद की उनकी उम्मीदवार से इनकार किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनकी निजी राय हो सकती है. जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है.
फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष को छोड़ कर किसी और नेता का दिया गया बयान उनकी निजी राय होगी. लोकसभा चुनाव के लिए 40 सीटों पर की जा रही तैयारी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तैयारी पूरी सीटों की ही होती है. पर, गंठबंधन में जो सहयोगी दल होते हैं, उनको सहयोग करने के लिए तैयारी की जाती है. तमाम घपले-घोटाले के बावजूद एग्जिट पोल में कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजल्ट का इंतजार किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने कहा, पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन के लिए रैली का नाटक हो रहा है. रैली करनेवाली पार्टी के अध्यक्ष को 15 साल तक मौका मिला, पर बिहार के लिए कुछ नहीं किया. विकास से उनका कोई लेना-देना नहीं था.
परिवर्तन रैली के बैनर-पोस्टर फाड़े जाने के लालू प्रसाद के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आरोप सही नहीं होते. शासन-प्रशासन और तंत्र होता है और उसके नियमों का पालन जरूरी है. अधिकार रैली में भी यातायात के नियमों की अनदेखी करने पर हमने खुद आयकर गोलंबर, जेपी गोलंबर व पटेल गोलंबर से बैनर-पोस्टर हटवाये थे. रैली से लोगों को परेशानी हो, ऐसा काम नहीं होना चाहिए. बुनियादी बातों का पालन जरूरी है. दरअसल, ऐसी बात करने का मकसद होता है कि अपने समर्थकों में थोड़ी ताव लायी जाये, इसलिए हम कुछ प्रतिक्रिया नहीं देते.
सड़क हादसे में घायल हुए लालू का हालचाल पूछने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने चुटकी ली, यह हाल और चाल पर निर्भर करता है. वैसे सामान्य रूप से कहा जाता है कि ड्राइवर की बगलवाली सीट पर बैठनेवालों को सीट बेल्ट बांधना चाहिए. हमले की साजिश का आरोप और मामले की जांच की लालू प्रसाद की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक लिखित अनुरोध नहीं मिला है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लालू का हालचाल पूछे जाने से बन रही राजनीतिक परिस्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बेरोजगार नहीं हैं, जो इस पर प्रतिक्रिया दें.