पटना: सरकारी लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त के यहां दर्ज कराने व उसकी सुनवाई के लिए नियमों को तय कर दिया गया है. सरकार ने इसके लिए नियमावली तैयार की है, जो सोमवार से प्रभावी हो गयी है. लोकायुक्त अन्वेषण नियमावली-2013 में प्रावधान किया गया है कि जो कोई किसी लोकसेवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, तो उसे 100 रुपये का गैर न्यायिक स्टांप देना होगा.
शिकायत दर्ज करानेवालों को शपथपत्र दाखिल करना होगा. शिकायतकर्ता को दोभाषिया रखने की छूट होगी, लेकिन उसे इस आशय का शपथपत्र देना होगा कि वह लोकायुक्त के निर्देशों को सही तरीके से आवेदक को अवगत करा देंगे और उसकी बातों को लोकायुक्त के समक्ष रखेंगे. लोकायुक्त को अधिकार होगा कि वह किस प्रकृति के मामलों की सुनवाई करेगा. नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर संपत्ति को वह कुर्क भी कर सकता है. इसके लिए अलग से नियम निर्धारित किये गये हैं.
राज्य सरकार ने सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों की जांच व त्वरित कार्रवाई के लिए वर्ष 2011 में नया लोकायुक्त कानून बनाया था. इसमें तीन लोकायुक्त का प्रावधान किया गया था. वर्तमान लोकायुक्त के अलावा दो अन्य लोकायुक्त की नियुक्ति होनी है. नियुक्ति के लिए विधान परिषद के सभापति की अध्यक्षता में सर्च कमेटी गठित है, लेकिन अभी तक सर्च कमेटी का ही पूर्ण गठन नहीं हो पाया है.
विधान परिषद सचिवालय ने हाइकोर्ट से सर्च कमेटी के लिए दो सेवारत न्यायाधीशों का नाम सुझाने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन अब तक अनुशंसा नहीं मिली है.