पटना सिटी: तीन मंजिला इमारत व पर्याप्त कमरों की सुविधा के बाद भी श्री गुरु गोविंद सिंह अस्पताल से मरीजों को लगातार रेफर किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि यहां डॉक्टरों की कमी है, बल्कि यहां 25 डॉक्टरों की टीम दिन-रात काम करती है. इसमें पांच स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. अस्पताल में कुल 394 बेड हैं, जिसमें अभी 127 बेड का उपयोग किया जाता है.
इसके बावजूद भी यहां मरीजों को राहत नहीं मिल रही है. यही नहीं यहां शाम की ओपीडी में डॉक्टर गायब रहते हैं. वहीं गंभीर मरीजों का इलाज करने के बजाय उन्हें रेफर कर डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं.
नहीं बिछती सतरंगी चादर
अस्पताल प्रशासन भले ही 127 बेड पर रोगियों के इलाज का दावा करता है, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार की सतरंगी चादर नीति का भी अनुपालन नहीं होता. इसका खुलासा रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष व अनुमंडल पदाधिकारी जयप्रकाश सिंह ने 26 अप्रैल को औचक निरीक्षण के दौरान किया. एसडीओ ने निरीक्षण के दौरान सतरंगी चादर के बारे में अस्पताल प्रबंधक से पूछा तो चादरों का अभाव बताया गया. निरीक्षण में एसडीओ ने यह भी पाया था कि सरकारी नियमानुसार ओपीडी का समय सुबह 8 से 12 और शाम 4 से 6 निर्धारित है. जबकि अस्पताल के डय़ूटी चार्ट में ओपीडी का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक दिखाया गया था.
नाला ओवरफ्लो, जंगल झाड़ भी मौजूद
अस्पताल के महिला व शिशु वार्ड के साथ अन्य वार्ड अर्थात अस्पताल परिसर के पीछे बहने वाला बड़ा नाला ओवरफ्लो है. नाले से उठते बदबू और आसपास में उग आये जंगल झाड़ की वजह से मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है. ऐसे में इलाज कराने आये मरीजों को परेशानी होती है. इतना ही नहीं अस्पताल के अंदर व वार्ड में भी गंदगी फैली हुई है.
जांच व दवा के लिए बाजार का सहारा
निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने यह भी पाया था कि अस्पताल में उपलब्ध अल्ट्रासाउंड की सेवा प्रमाणपत्र के अभाव में बंद है, इस दौरान एक्स-रे की सेवा भी बंद मिली, जबकि नियम के अनुसार अस्पताल में बाहरी एजेंसी द्वारा बहाल एक्स-रे की सेवा 24 घंटे होनी चाहिए. पैथोलाजी में भी रूटिन जांच की सुविधा उपलब्ध है. इतना ही नहीं अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजों को कुछ एक दवाओं को छोड़ कर अधिकांश की खरीदारी बाजार से करनी पड़ती है.