पटना: पूर्व राज्यपाल सह कुलाधिपति देबानंद कुंवर ने अपने कार्यकाल में 16 कुलपतियों व 12 प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति की थी. इनमें एक की भी कुरसी नहीं बची. उनकी सभी नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट या हाइकोर्ट ने रद्द कर दिया. इनमें छह कुलपति ऐसे हैं, जिन्हें दो-दो बार कुलपति बनाया गया.
इन सबों की नियुक्ति दोनों ही बार रद्द हुई. एक अगस्त, 2011 को श्री कुंवर ने छह कुलपतियों व चार प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति की थी. सात दिसंबर, 2012 को इन सभी की नियुक्ति पटना हाइकोर्ट ने रद्द कर दी थी. इन छह को पुन: श्री कुंवर ने बहाल किया. आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट ने इनकी नियुक्ति भी रद्द कर दी. एक अगस्त, 2011 शिक्षा विभाग ने 12 नामों का पैनल भेजा था, जिनमें एक पर भी श्री कुंवर ने विचार नहीं किया था.
नहीं लिया था परामर्श
दोनों ही बार कुलपतियों व प्रतिकुलपतियों की नियुक्ति रद्द करने का कारण इसमें राज्य सरकार से परामर्श नहीं लेना था. राज्य विवि व पटना विवि एक्ट में प्रावधान है कि सरकार के परामर्श के आधार पर ही कुलाधिपति द्वारा कुलपति व प्रति कुलपति की नियुक्ति की जायेगी. राज्य सरकार ने दोनों ही बार कुलाधिपति द्वारा की गयी नियुक्ति पर आपत्ति जतायी थी.
एक अगस्त, 2011 : छह कुलपति व चार प्रतिकुलपति नियुक्त हुए
सात दिसंबर, 2012 : हाइकोर्ट ने सबकी नियुक्ति रद्द की
नौ फरवरी, 2013 : आठ वीसी नियुक्त, जिनमें छह दोबारा बने
19 फरवरी : एक कुलपति व छह प्रतिकुलपति नियुक्त
नौ मार्च : नये राज्यपाल डीवाइ पाटील के नाम की घोषणा
14 मार्च : तत्कालीन राज्यपाल देबानंद कुंवर ने एक वीसी व दो प्रोवीसी को नियुक्त किया
18 मार्च : सुप्रीम कोर्ट ने सभी नियुक्तियों पर अगले आदेश तक रोक लगायी
22 मार्च : डीवाइ पाटील ने बिहार के नये राज्यपाल के रूप में शपथ ली
26 अप्रैल : 10 विवि में प्रभारी कुलपति व प्रतिकुलपति नियुक्त
इनकी नियुक्ति हुई रद्द
विवि कुलपति
पटना विवि, पटना शंभूनाथ सिंह
मगध विवि, बोधगया अरुण कुमार
जेपी विवि, छपरा विमल कुमार
बीएन मंडल विवि, मधेपुरा राम विनोद सिंह
वीकेएस विवि, आरा शिव शंकर सिंह
बिहार विवि, मुजफ्फरपुर कुमारेश प्रसाद सिंह
केएसडी संस्कृत विवि, दरभंगा अरविंद पांडेय
अरबी-फारसी विवि, पटना शमशु जोहा
तिलका मांझी विवि, भागलपुर अंजनी कुमार सिन्हा
नालंदा खुला विवि तपन कुमार शांडिल्य