पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुसार राज्य में 20 मेडिकल कॉलेज होने चाहिए. पहले से छह मेडिकल कॉलेज हैं. चार और खोले गये हैं. आइजीआइएमएस पटना, बेतिया व पावापुरी में नामांकन शुरू हो चुका है. मधेपुरा में अगले साल से नामांकन शुरू होने की उम्मीद है. श्रम मंत्रलय द्वारा बिहटा में मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है. निजी क्षेत्र में भी मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं.
इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. शनिवार को देवकुली बेल्दारीचक में लॉर्ड बुद्धा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की आधारशिला रखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल साइंस के विभिन्न पहलुओं को इस इंस्टीट्यूट में समेटे जाने का प्रस्ताव है. बुद्धिस्ट सर्किट के चार स्थानों नालंदा, राजगीर, बोधगया व वैशाली को भी इससे जोड़े जाने की योजना है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जायेंगे. अस्पताल में गरीबों के लिए तीन सौ बेड रहेंगे. जिस गांव में कॉलेज खुल रहे हैं, वहां के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. समय पर निर्माण पूरा होगा और गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जायेगा. अस्पताल के व्यवस्थापकों का इरादा नेक है, तो सफलता जरूर मिलेगी.
डॉक्टरों को किया जायेगा ट्रेंड
डॉ एसएन आर्या ने कहा कि जनसंख्या की तुलना में राज्य में डॉक्टरों की संख्या कम है. यहां और मेडिकल व पारा मेडिकल कॉलेज खोले जाने चाहिए. संस्थान के संस्थापक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि हैदराबाद में एनआरआइ मीट के दौरान इंगलैंड में सीएम का भाषण सुना, तभी बिहार में अस्पताल खोलने की इच्छा हुई. अस्पताल में विभिन्न फैकल्टी के लिए डॉक्टरों को ट्रेंड किया जायेगा.
कार्यक्रम में जापान से आये संस्थान के मुख्य वास्तुविद कावासोमा ने भी विचार रखे. सीएम ने संस्थान के बुकलेट का अनावरण किया. मौके पर विधायक डॉ सुनील कुमार, सीएम के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, नगर विकास सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, राज्य योजना परिषद के सदस्य एएनपी सिन्हा, चिकित्सक डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा, डॉ अरुण कुमार अग्रवाल, डॉ सुनील कुमार आदि मौजूद थे.