पटना: अब महिलाओं को पूर्ण शक्ति केंद्र की सुविधा जल्द ही दो अन्य जिलों में मिलेगी. बेगूसराय के बलिया और भखरी तथा नालंदा के अस्थावां और बिंद प्रखंडों की पांच-पांच पंचायतों में 20 नये पूर्ण शक्ति केंद्र खोले जायेंगे. राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन के तहत ग्रामीण महिलाओं के लिए पूर्ण शक्ति केंद्र की स्थापना की जा रही है. इससे महिलाओं को सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व व्यक्तिगत समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयोग होगा.
शुरुआत के पहले चरण में राज्य के तीन जिलों के छह प्रखंडों में इसकी स्थापना होनी है. फिलहाल औरंगाबाद जिले के देव और ओबरा प्रखंड की पांच-पांच पंचायतों में यह केंद्र खोला गया है. इसके लिए बाकायदा विभिन्न पदों पर नियुक्ति भी की गयी है. यह पूर्णतया महिलाओं के विकास के लिए खोला गया है, जहां महिलाओं को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं.
संचालन महिला विकास निगम करेगा. प्रत्येक जिला के लिए वार्षिक बजट 40 लाख रुपये है. नये केंद्रों के लिए निगम द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 10-10 लाख का आवंटन किया गया है. तीन स्तरों पर जिला, प्रखंड और गांव में पीएसके खोले जायेंगे. जिला स्तर पर जिला समन्वयक व डाटा ऑपरेटर तथा गांव स्तर पर दो समन्वयक की बहाली की गयी है. इसके अलावा पीएसके पुलिस, कानून, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों के साथ मिल कर समन्वयक स्थापित करेगा. यह महिलाओं के लिए चलनेवाली योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें जोड़ने की पहल करेगा.
मुख्य उद्देश्य
महिलाओं की तमाम कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें सजग बनाना
पंचायतों की महिलाओं से जुड़े सभी डाटाबेस तैयार करना
जागरूकता प्रशिक्षण व क्षमतावर्धन के लिए कार्यक्रम चलाना
कलस्टर बना कर महिलाओं को संसाधनों की प्राप्ति के लिए संगठित करना
विभागीय योजनाओं के लाभों से जुड़ने की जानकारी देना
मुख्य कार्य
महिलाओं के लिए चलनेवाली योजनाओं की समीक्षा करना
योजना वार महिला लाभुकों की संख्या का सही आकलन करना
कितनी महिलाओं को लाभ मिला या अधिक लाभ कैसे दिलाया जाये
महिलाओं की मदद के लिए दो जिले में केंद्र की स्थापना की जानी है. योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तहत औरंगाबाद से किया गया है. इसके बाद धीरे-धीरे अन्य जिलों में भी इसकी शुरुआत की जायेगी.
उत्पल कांत, राज्य समन्वयक महिला विकास निगम .