संवाददाता,पटनाभाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि भाजपा का यह आरोप प्रमाणित हो गया है कि पिछले 22 महीने में सभी क्षेत्रों में बिहार पिछड़ता चला गया है. पिछले तीन सालों में सबसे कम आर्थिक विकास दर वर्ष 2013-14 में दर्ज की गई . अनेक क्षेत्रों में वर्ष 2013-14 के आंकडे निराशाजनक होने के कारण ही आर्थिक सर्वेक्षण में प्रदर्शित नहीं किये गये है. पिछले तीन साल में सबसे कम आर्थिक विकास दर यानी स्थिर मूल्यों पर राज्य सकल घरेलु उत्पाद (जीएसडीपी)वर्ष 2013-14 में मात्र 8़.56 प्रतिशत दर्ज की गई . जबकि 2012-13 में यह 9़.31 तथा वर्ष 2011-12 में 8.़82 फीसदी थी. बिहार में कृषि रोड मैप भी बुरी तरह से विफल साबित हुआ है. साल 2013-14 में कृषि विकास दर ऋणात्मक 11़. 58 प्रतिशत रही है, जबकि 2012-13 में यह 9. ़23 और 2011-12 में 13़.53 प्रतिशत रही थी. उर्वरक की खपत भी वर्ष 2012-13 में जहां 31 लाख मीटरिक टन था वहीं 2013-14 में घट कर 26 लाख मीटरिक टन हो गया. सूबे में अंडे का उत्पादन वर्ष 2007-08 में 106 करोड़ था वहीं 2013-14 में घट कर 93 करोड़ हो गयी. भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद राजनीतिक अस्थिरता की वजह से जदयू के शासनकाल में कृषि सहित सभी क्षेत्रों में बिहार का विकास दर निराशाजनक रही है. कृषि रोड मैप की विफलता के कारण कृषि क्षेत्र में विकास दर ऋणात्मक हो गया. सभी क्षेत्रों में सरकार की विफलता आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रतिबिंबित हुई है.
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22 माह में बिहार सभी क्षेत्रों में पिछड़ता चला गया : मोदी
संवाददाता,पटनाभाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राज्य सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि भाजपा का यह आरोप प्रमाणित हो गया है कि पिछले 22 महीने में सभी क्षेत्रों में बिहार पिछड़ता चला गया है. पिछले तीन सालों में सबसे कम आर्थिक विकास दर वर्ष 2013-14 में दर्ज की […]
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