इसी बीच जितेंद्र नारायण सिंह भी शास्त्री नगर थाने पहुंचे और उन्होंने 60 लाख की राशि गबन करने और उसके बदले दिये गये चेक के बाउंस होने की जानकारी दी. पुलिस ने श्री सिंह की जानकारी के आधार पर भी फर्जीगिरी का मुकदमा दर्ज कर लिया. लेकिन यह मामला दर्ज होते ही पुलिस के समक्ष स्पष्ट हो गया कि कहीं न कहीं गोलमाल है. इसके बाद सिटी एसपी (पश्चिमी) राजीव मिश्र, सचिवालय डीएसपी डा मो शिबली नोमानी व शास्त्री नगर थानाध्यक्ष रमेश प्रसाद सिंह की टीम ने अनुसंधान शुरू किया तो उसके कोलकाता में होने की जानकारी मिली. इसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंची और बरामद कर पटना ले आयी.
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अपहरण का नाटक करनेवाला पकड़ाया
पटना: फूड सप्लाइ के धंधे में पैसा लगाने, तो नौकरी दिलाने का दावा कर एक करोड़ से अधिक की राशि गबन कर अपहरण का झूठा नाटक करनेवाले बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मनीष पांडे (राजाबाजार) को पुलिस टीम ने कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके से बरामद कर लिया. यह अपने एक रिश्तेदार के […]
पटना: फूड सप्लाइ के धंधे में पैसा लगाने, तो नौकरी दिलाने का दावा कर एक करोड़ से अधिक की राशि गबन कर अपहरण का झूठा नाटक करनेवाले बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर मनीष पांडे (राजाबाजार) को पुलिस टीम ने कोलकाता के सॉल्ट लेक इलाके से बरामद कर लिया. यह अपने एक रिश्तेदार के आवास में छूप कर रहा था.
जानाकरी के अनुसार, जैसे ही लोगों ने मनीष पांडे से अपनी राशि मांगनी शुरू की, वह 23 फरवरी की शाम घर से गायब हो गया और मोबाइल फोन बंद कर लिया. इसके साथ ही उसने डीजीपी, आइजी और अपनी पत्नी गरिमा पांडे को यह मैसेज भेज दिया कि उसकी जान जा सकती है और इसके लिए पूरी तरह से बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह जिम्मेवार होंगे. पत्नी ने शास्त्री नगर थाने में मैसेज की मदद से अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी.
सेना में कर्नल की नौकरी छोड़ बना था ऑफिसर
मनीष पांडे कुछ वर्ष पूर्व सेना में कर्नल था. उसने नौकरी छोड़ कर पटना में ही बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में एक्जीक्यूटिव ऑफिसर की नौकरी करने लगा. इसके रहन-सहन से कोई भी इंप्रेस हो जाता था. उसने कई जगहों पर फूड सप्लाइ करने का ठेका ले रखा था. मगध विश्वविद्यालय का भी ठेका इसके पास था. उसने पटेल नगर निवासी अंशुमान से भी सात माह पहले लाखों रुपये उधार लिया था. कुछ दिनों तक उसने फायदा भी दिया. कुछ और पैसा लेने के बाद वह मूल पैसा भी देने से कतराने लगा. उसने एक कॉल सेंटर में कार्यरत महिला से भी बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में नौकरी लगाने के नाम पर 40 हजार ले लिये थे. उस महिला ने इसके आश्वासन के बाद अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी. उसके पकड़े जाने के बाद वह भी थाना में पहुंची थी.
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