इससे हत्या आरोपित को जमानत मिल गयी. लेकिन वहीं फाइल जब इंस्पेक्टर ने सिटी एसपी के पास पेश की तो उसमें आरोप पत्र दाखिल किये जाने की जानकारी दी. इस पर न्यायालय से दस्तावेज निकलवाया गया जिससे स्पष्ट हुआ कि इंस्पेक्टर ने पुलिस पदाधिकारी को गुमराह किया.
सिटी एसपी पश्चिमी ने 2 मार्च 2015 को एसएसपी को जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में उन्होंने टिप्पणी किया है कि विक्रम थानेदार लगातार कार्य में लापरवाही बरत रहे हैं और वह थाना प्रभारी रहने में अक्षम हैं. इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए 3 मार्च की रात एसएसपी जितेंद्र राणा ने इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. उनसे सात दिनों के अंदर आरोप के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है. सिटी एसपी द्वारा सौंपी गयी रिपोर्ट के मुताबिक 15 मई 2014 को पाली में हुई हत्या के दौरान अजय कुमार सिंह पाली में इस्पेक्टर थे. हत्याकांड का वह अनुसंधान कर्ता थे. इस दौरान उन्होंने हत्या आरोपित रामकुमार यादव को गिरफ्तार कर न्यायालय में सर्मिपत किया लेकिन आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जिसके तहत हत्यारोपित को जमानत मिल गयी.
लेकिन उसी कांड की फाइल जब सिटी एसपी के सामने पेश किया तो न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने की जानकारी दी. सिटी एसपी ने अपनी रिपोर्ट लिखा है कि इंस्पेक्टर ने हत्या अभियुक्त से सांठ-गांठ करके ऐसा किया है. दूसरा आरोप यह है कि 27 जनवरी को विक्रम थाने के निरीक्षण किया. इस दौरान थाने में सिर्फ एक एसपीओ मिला. वहीं ओडी पंजी में ड्यूटी नहीं लगायी गयी थी. इस संबंध में इंस्पेक्टर को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था. इंस्पेक्टर पर विभागीय कार्रवाई व निलंबन की कार्रवाई करने से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया. लेकिन इंस्पेक्टर ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया.