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स्वाइन फ्लू: संभलें, तेजी से पांव पसार रहा वायरस

पटना: बिहार में स्वाइन फ्लू का दायरा लगातार बढ़ता चला जा रहा है. 24 फरवरी को स्वाइन फ्लू का पहला मरीज मिलने के बाद इसकी संख्या बढ़ कर 37 तक पहुंच गयी है. इस दौरान करीब 185 सैंपल की जांच की गयी. सोमवार को भी आरएमआरआइ में 65 सैंपल जांचे गये, जिसमें 11 मरीजों की […]

पटना: बिहार में स्वाइन फ्लू का दायरा लगातार बढ़ता चला जा रहा है. 24 फरवरी को स्वाइन फ्लू का पहला मरीज मिलने के बाद इसकी संख्या बढ़ कर 37 तक पहुंच गयी है. इस दौरान करीब 185 सैंपल की जांच की गयी. सोमवार को भी आरएमआरआइ में 65 सैंपल जांचे गये, जिसमें 11 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव पायी गयी.
राजधानी सर्वाधिक प्रभावित, सात जिलों में बढ़ा दायरा : स्वाइन फ्लू से राजधानी पटना सर्वाधिक प्रभावित है. अब इसके वायरस का दायरा पटना सहित सात जिलों मोतिहारी, लखीसराय, वैशाली, समस्तीपुर, सीवान व गया में भी बढ़ गया है. राजधानी में खास कर पटना सिटी के गुरहट्टा , तुलसी मंडी, बाजार समिति, नाला रोड, नया टोला, सिपारा व शास्त्री नगर में इसके मरीज मिले हैं.
तीन बच्चे भी हुए इससे पीड़ित : स्वाइन फ्लू की चपेट में आनेवाले मरीजों में तीन बच्चे भी हैं. इनमें एक पटना सिटी के नून का चौराहा की बच्ची, जबकि दो अन्य लखीसराय का छह साल का व मोतिहारी का तीन साल का बच्च शामिल है. स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने वाले मरीजों में नौजवान से लेकर 57 साल तक की महिला भी है.
34 में मात्र 11 ही हुए भरती : स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाये जाने वाले 34 मरीजों में मात्र 11 ही भरती होकर इलाज करा रहे हैं. इनमें नौ संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीआइ), जबकि दो पीएमसीएच में भरती हैं. बाकी पॉजिटिव सैंपल के मरीजों या जिला अस्पतालों में भरती हैं, या फिर वे घर में रह कर इलाज करवा रहे हैं.
पीएमसीएच से सात मरीज हुए रेफर : पीएमसीएच में सोमवार को सात लोगों की सामान्य जांच कर उनके सैंपल जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के माध्यम से आरएमआरआइ को भेज दिया गया. इनके मुताबिक यह सभी संदिग्ध हैं, जिनके लक्षण स्वाइन फ्लू से मिलते-जुलते हैं. इस कारण से चिकित्सकों ने इनको जांच कराने को कहा हैं. जांच कराने वाले सभी मरीजों का ब्योरा लेकर घर भेजा गया है.
ऐसी फैलती है बीमारी
छींकते समय टिस्यू पेपर से नाक को ढंके और फिर उस पेपर से सावधानी से नष्ट कर दें. कचरे में फेंक दें.
अपने हाथों को लगातार साबुन से धोते रहें.
घर व ऑफिस के दरवाजों के हैंडल, की-बोर्ड, मेज आदि को साफ करते रहें.
यदि आपको जुकाम के लक्षण दिखायी दे, तो घर से बाहर ना जायें और दूसरों के नजदीक ना जायें
यदि आपको बुखार आयी हो, तो उसके ठीक होने के 24 घंटे बाद तक घर पर रहें.
संभव हो तो फेसमास्क पहनें.
इन लोगों को खतरा अधिक
सांस की बीमारी जैसे दमा
हदय व यूरोलॉजिकल बीमारी
मधुमेह रोगी
गर्भवती महिला और पांच साल के कम आयु के बच्चों को अधिक खतरा
सुझाव
गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. ऐसे में उन्हें इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता हैं. गर्भवती महिलाओं में स्वाइन फ्लू का खतरा अधिक होता है.
डॉ मीना सामंत, स्त्री रोग विशेषज्ञ, कुर्जी होली फैमिली
जिन बच्चों को सामान्य फ्लू का वैक्सीन दिया रहता है, उनमें स्वाइन फ्लू का खतरा 60 } कम रहता है.बच्चे बड़ों की अपेक्षा जल्द ठीक होते हैं. थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है.
डॉ एनपी नारायण, पूर्व एचओडी, पीएमसीएच शिशु विभाग
जांच के लिए आये सैंपल के अनुपात में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बहुत कम है. मरीजों में सबसे कम उम्र का तीन साल का बच्च है. उसका इलाज उसी के जिले में हो रहा है.
डॉ प्रदीप दास, निदेशक, आरएमआरआइ

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