* आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए निगम नहीं उठा कदम
।। मुकेश ।।
पटना : शहर में लोग देर रात सड़क पर निकलने से डरते हैं. यह डर अपराधियों से ज्यादा आवारा कुत्तों का है, जो मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक अपना आतंक कायम रखे हैं. आप पैदल जा रहे हैं या दो पहिया वाहन से, इन्हें फर्क नहीं पड़ता. चारपहिया वाहनों का पीछा करने से भी ये हिचकते नहीं. लोग इन्हें डॉगी डॉन कहने लगे हैं. इनके अचानक हमले या भौंकने की आवाज से दिल दहल जाता है.
* नहीं खुल रही निगम की नींद
राजधानी की अधिकांश सड़कों व गलियों में रात के समय आवारा कुत्तों का आतंक रहता है. कोई दोपहिया वाहन इन गलियों से निकल जाये, तो कुत्तों का झुंड उनके पीछे दौड़ पड़ता है. हर दिन औसतन 40 बाइक सवारों को ये कुत्ते अपना शिकार बनाते हैं, जबकि दर्जनों लोग इनसे बचने की कोशिश में चोटिल होते हैं. वहीं, नगर निगम की अब तक नींद नहीं खुल पायी है. वह इन अवारा कुत्तों के आतंक को खत्म करने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है.
– निशाने पर कौन
डॉगी डॉन के निशाने पर अधिकतर वैसे लोग होते हैं, जो देर रात ऑफिस से घर लौटते हैं या जरूरत पड़ने पर बेवक्त सड़क पर निकलते हैं. रात 10 बजे के बाद दर्जनों आवारा कुत्ते सड़कों व गलियों में बैठे रहते हैं. जैसे ही किसी की आहट मिलती है, एक कुत्ता भौंकता है और बाइक सवार को कुछ दूर तक दौड़ाता है, फिर सभी कुत्ते साथ में भौंकते हुए पीछा करता है. पुलिस भी इन इनसे परेशान है. उन्हें डंडा लेकर गश्त करनी पड़ती है.
– पहले खदेड़ा, फिर काटा
रामलखन पथ रोड नंबर आठ के रहनेवाले राजीव नारायण ऑफिस से काम कर रात एक बजे घर लौट रहे थे. अदालतगंज रोड में कुत्ते ने उन्हें खदेड़ दिया. वह बाइक पर सवार थे. कुत्ते से बचने के चक्कर में गाड़ी तेज किया, तो अनबैलेंस होकर गिर पड़े. उन्हें न सिर्फ चोट लगी, बल्कि पैर में कुत्ते ने काट भी लिया.