पटना: नवसृजित विद्यालय, गंडामन की प्रधानाचार्य व मुख्य अभियुक्त मीना देवी को मशरक मिड डे मील हादसे की पूरी जानकारी थी. बिहार पुलिस के अनुरोध पर नयी दिल्ली स्थित सीबीआइ के सेंट्रल फोरेंसिक सायंस लेबोरेट्री द्वारा की गयी पॉलीग्राफ टेस्ट में मीना देवी के कई झूठ पकड़े गये. फोरेंसिक साइक्लोजिस्ट ने मीना देवी से कुल 30 सवाल पूछे गये थे, जिनमें पांच-छह सवालों में उनके झूठ बोलने की बात सामने आयी है. शुक्रवार को सीएफएसएल से मिली पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट बिहार पुलिस को पटना में प्राप्त हो गयी. इसे छपरा स्थित कोर्ट में पेश किया जायेगा.
बच्चों को डांटने की बात से इनकार
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान जब मीना देवी से पूछा गया कि उन्होंने मिड डे मील खाने के लिए बच्चों को बाध्य करते हुए डांट लगायी थी, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया. जबकि, बच्चों द्वारा दिये गये बयान व घटनाक्रम की जांच में डांटने की बात सामने आयी थी. साथ ही मिड डे मील बनानेवाली रसोइया ने खाना को लेकर शिकायत की थी कि खाना करिया हो गया है, महक रहा है, तो इस पर अभियुक्त ने कहा था कि नहीं उसने कोई शिकायत नहीं की थी. हालांकि, रसोइया खुद भी खाने को खा लेने के कारण बीमार हो गयी थी. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि खाना के करिया होने को लेकर मैंने प्रधानाचार्य से शिकायत की थी, लेकिन वह नहीं मानी थी.
बाद में रसोइया भी बयान से पलट गयी. अभियुक्त मीना देवी द्वारा पॉलीग्राफ टेस्ट में देवर ध्रुव राय से टेलीफोन से की गयी बातचीत को लेकर भी झूठ बोलने की बात पकड़ में आयी है. पुलिस ने पहले ही अभियुक्त मीना देवी व उनके देवर ध्रुव राय द्वारा घटना के बाद बातचीत का रेकॉर्ड निकाल लिया था. इसमें ध्रुव राय ने छपरा अस्पताल से अभियुक्त मीना देवी को फोन कर बातचीत की थी. उस दौरान मीना देवी मशरक इलाके में ही थी. लेकिन, वह घटना के बाद वह फरार हो गयी थी.