वे एसके मेमोरियल हॉल में नेशनल पीपुल्स पार्टी के राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता तमाम राजनीतिक दलों को आजमा चुकी है. राजद, कांग्रेस, जदयू और भाजपा की सरकारों को यहां की जनता ने देखा. जनता किसी सरकार से खुश नहीं है. बिहार की जनता दूसरी पार्टी की तलाश कर रही है. दिल्ली में कांग्रेस-भाजपा का सफाया क्यों हो गया? बिहार में राजनीति करनेवालों को इस पर मंथन करना चाहिए, बिहार में भी ऐसा हो होना जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी दिल्ली कूच करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार में वे हर जिले में जायेंगे और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार में एनपीपी खड़ी हो गयी है.
अब पार्टी को गांव-पंचायतों में दौड़ना होगा. बिहार में एनपीपी दौड़ेगी और काम भी करेगी. मेघालय के विरोधी दल के नेता कॉनरेड संगमा ने कहा कि भले ही नेशनल पीपुल्स पार्टी नयी पार्टी है, किंतु एक वर्ष में ही पार्टी की ताकत दिखने लगी है. मेघालय और राजस्थान में पार्टी के कई विधायक हैं. छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी पार्टी संगठन मजबूत हुई है. मणिपुर से गुजरात तक पार्टी का विस्तार हुआ है. उन्होंने कहा है कि पीए संगमा ने गरीबी देखी है. उन्होंने चर्च में नौकरी की और कपड़े धोये. वे गरीबी की पीड़ा जानते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योग की अपार संभावना है, किंतु इस मोरचे पर बिहार की उपलब्धि मात्र एक प्रतिशत है. बिहार में पर्यटन के विकास की भी भरपूर संभावना है. हर साल ढाई करोड़ पर्यटक बिहार आते हैं. उसे और आगे ले जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सिर्फ वोट नहीं, बल्कि सोच की भी हमें जरूरत है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर जाने और संगठन विस्तार करने की अपील की. एनपीपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय वर्मा ने कहा कि बिहार में आज नये विकल्प की जरूरत है.
भले ही हम एनडीए के पार्ट हैं, किंतु हमारी ताकत को गंठबंधन नजरअंदाज नहीं कर सकता. गंठबंधन ने अगर हमे नजरअंदाज किया, तो हम अलग रास्ता भी अख्तियार करेंगे. एनपीसी बिहार में विकास का नया रास्ता खोलने को उतावली है. कार्यकर्ता सम्मेलन को राघवेंद्र सिंह कुशवाहा, राज कुमार पोद्दार, पत्रकार संजय झा, प्रो. योगेंद्र प्रसाद सिन्हा और मो उस्मान सहित पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों ने संबोधित किया.